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June 5, 2017
नई दिल्ली- जब चीन के साथ भारत के रिश्तों की बात आती है तो कभी भारत-चीनी भाई-भाई के नारे लगने वाले इन देशों के संबंधों को 1962 में हुए युद्ध के बाद हमेशा शक की निग़ाहों से देखा जाता है। ऐसे में पिछले तीन महीने के अंदर चौथी बार जब चीन ने भारत के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है तो फिर यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर चीन की मंशा क्या है वह ऐसा करके अपने पड़ोसी देशों के साथ क्या जताना चाहता है उत्तराखंड के चमोली जिले के बाराहोती में चीन के 2 हेलिकॉप्टर के घुसने के बाद हड़कंप मच गया। चमोली का इलाका भारत-चीन बॉर्डर के पास स्थित है। भारत ने कहा है कि इस गंभीर मामले को चीन के सामने उठाकर वे उसका विरोध करेंगे। पिछले 3 महीने में चीनी सेना की भारतीय सीमा में घुसपैठ की यह चौथी घटना है। अधिकारियों के मुताबिक, दोनों हेलीकॉप्टर करीब 5 मिनट भारतीय सीमा में रहे। ऐसा माना जा रहा है कि उन्होंने भारतीय इलाकों की फोटोग्राफी भी की है। ऐसे में हो सकता है कि वे निगरानी करने आए हों।इंडियन एयरफोर्स अफसर के मुताबिक, बाराहोती में चीन के हेलीकॉप्टर घुसने के मामले की जांच चल रही है। दोनों हेलिकॉप्टरों की पहचान चीन के झीबा सीरीज के अटैक चॉपर के रूप में हुई है। इससे पहले चीन के हेलिकॉप्टर्स भारतीय सीमा में साढ़े चार किमी तक अंदर गए थे। चीन का दावा था कि वे अपने ही इलाके में थे।बाराहोती वह इलाका है जो उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से मिलता है। साल 2000 में पास हुए आदेश के मुताबिक, यहां आईटीबीपी जवानों को हथियार ले जाने और सिविल ड्रेस पहनकर जाने की परमिशन नहीं है। 1958 में चीन और भारत ने बाराहोती के 80 किलोमीटर इलाके को विवादित घोषित किया था और कहा था कि यहां फौज नहीं भेजी जाएगी। 1962 के चीन वॉर में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) इस इलाके में नहीं घुसी थी। तब लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश पर चीन का फोकस था। जंग के बाद आईटीबीपी जवानों ने इलाके में पेट्रोलिंग शुरू कर दी थी
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