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June 3, 2017
शिमला - नगर निगम चुनाव में प्रत्याशियों के चयन को लेकर जो गुप्त मंत्रणाएं चल रही थीं, उनकी नामाकंन के पहले ही दिन पोल खुल गई है। भट्ठाकुफर वार्ड से शीतल शर्मा ने शुक्रवार सुबह आजाद प्रत्याशी के तौर पर नामाकंन भरा। शाम को जब भाजपा की सूची आई तो उसमें उनका नाम शामिल था। ऐसे में भाजपा की गोपनीय सूची पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। आखिर प्रत्याशियों के नाम पहले से लीक कैसे हो गए।शीतल शर्मा के पति विजय शर्मा भाजयुमो में पदाधिकारी रह चुके है। पिछले एक महीने से भाजपा के नेता दावा कर रहे थे कि प्रत्याशियों के नाम गोपनीय रखे जाएंगे। ऐसे में भाजपा की गोपनीयता ही सवालों के घेरे में आ गई है। पिछले पांच दिन से भाजपा का शीर्ष नेतृत्व सूची को लेकर बैठकें कर रहा था लेकिन कई ऐसे नाम थे जो टिकट मिलने को लेकर काफी आश्वस्त थे। ऐसे में शीतल शर्मा के नाम पर सबसे पहले भाजपा की ओर नामाकंन भरने का रिकॉर्ड दर्ज हो गया है। मैं भाजपा से चुनाव लडऩा चाहती थी। मैं आश्वस्त थी कि टिकट मिलेगा। शीतल शर्मा, भाजपा प्रत्याशी, भट्ठाकुफर अनाडेल, फागली संजौली चौक, खलीनी, कनलोग, कंगनाधार, विकासनगर व ढली वार्ड में भाजपा प्रत्याशी तय नहीं कर पाई है। असल में इन वार्डो में दो-दो प्रत्याशियों में जद्दोजहद चली हुई है। अनाडेल व फागली में दो बड़े नेता अपने चहेतों को टिकट देने पर अड़े हुए हैं। शनिवार को सभी प्रत्याशी तय हो जाएंगे। भाजपा ने दिल्ली नगर निगम चुनाव का फार्मूला अपनाते हुए सिटिंग पार्षदों के टिकट काट दिए हैं। केवल दो ही सिटिंग पार्षदों को टिकट मिल पाया है। इनमें सत्या कौंडल व शैलेंद्र चौहान शामिल हैं। भाजपा के दस पार्षदों को टिकट नहीं मिल पाया है। नगर निगम चुनाव के रोस्टर ने भाजपा नेताओं के समीकरण बिगाड़ दिए हैं। जिन पार्षदों को टिकट नहीं मिल पाया है, वे मायूस हो चुके हैं।
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