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June 2, 2017
रिपोर्ट- मातृ सदन के स्वामी शिवानंद के अनशन का समर्थन कर रहे पर्यावरणविद और समाज सेवियों ने सरकार पर असंवेदनशील होने का आरोप लगाया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को गंगा में खनन पूरी तरह से प्रतिबंधित करने की मांग करते हुए पत्र भेजा है।पर्यावरणविद् और स्वराज इंडिया अभियान के राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के रवि चोपड़ा, जनक्रांति विकास मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव अंजय वर्मा ने आरोप लगाया कि खुद को गंगा भक्त बताने वाली से सरकार भी खनन माफियाओं के साथ खड़ी दिख रही है। वह मातृसदन के आंदोलनकारियों से नहीं मिलना चाहती। गंगा में खनन के खिलाफ स्वामी शिवानंद पिछले एक सप्ताह से अनशन पर बैठे हैं मगर सरकार के पास इस मसले पर बात करने की फुर्सत नहीं है। अंजय वर्मा ने बताया कि उन्होंने एक कैबीनेट मंत्री से मुलाकात की तो उसने इसे दूसरे मंत्री से जुड़ा मसला बताकर लौटा दिया।
मुख्य सचिव से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने विधानसभा के आने वाले मानसून सत्र की तैयारियों का हवाला देकर ये कहते हुए मिलने से इंकार कर दिया कि वह सत्र के बाद ही बात कर पाएंगे। रवि चोपड़ा के अनुसार पिछली सरकार ने कुंभ मेला क्षेत्र में खनन न करने की बात कही थी। लेकिन भाजपा सरकार कुंभ क्षेत्र में खनन करवा रही। मातृसदन के सेवक दीपक कोठारी ने पिछले पांच साल के सेटेलाइट फोटोग्राफ्स के आधार पर आरोप लगाया कि जेसीबी से खनन के चलते गंगा के श्यामपुर-कांगरी समेत कई द्वीप का अस्तित्व ही खत्म हो चुका है। मौके पर जनक्रांति विकास मोर्चा केन्द्रीय उपाध्यक्ष सुरेश नेगी, मातृसदन से जुड़े युद्धवीर सिंह पंवार, सुदीप डोरा, शैलेश टंडन, सिटीजन फॉर ग्रीन के अध्यक्ष वीरेन्द्र पांडे आदि मौजूद थे।
गंगा में ऊपर से बहकर नहीं आते बोल्डर
पर्यावरणविद रवि चोपड़ा के मुताबिक गंगा नदी पर टिहरी, श्रीनगर में बांध और भीमगौड़ा में बैराज है ऐसे में ऊपर से बोल्डर/पत्थर बहकर आने का दावा झूठा है। केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय की रिपोर्ट भी यही बात कहती है। जबकि गंगा में आरबीएम हटाने के नाम पर लगातार अवैध चुगान जारी है। गंगा के अलावा गंगा के तटीय इलाके भी काटे जा रहे हैं। इससे भविष्य में भूस्खलन का खतरा बढ़ेगा।
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