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June 2, 2017
रिपोर्ट- मलिहाबादी दशहरी के लिए ईरान ने अपने द्वार खोल दिए हैं। अब तक दशहरी समेत कुछ अन्य भारतीय किस्मों पर रोग आदि की आशंकाएं जाहिर कर ईरान ने अपने यहां प्रतिबंध लगा रखा था। वहां पाकिस्तानी आम बेधड़क आयात किए जाते थे। दशहरी को अनुमति मिलने के बाद ईरानी बाजारों में उसका मुकाबला पाकिस्तानी आमों से होगा।
जांच-पड़ताल: 25 अप्रैल को ईरानी विशेषज्ञों की एक टीम ने लखनऊ आकर दशहरी के बागों व यहां के मैंगो पैक हाउस का निरीक्षण किया था। समझा जाता है कि टीम की रिपोर्ट के आधार पर ही ईरान ने दशहरी को देश में इस शर्त के साथ प्रवेश की अनुमति दे दी है कि लखनऊ के पैक हाउस से प्रोसेस कराकर ही दशहरी ईरान में भेजा जा सकेगा।
ईरान ने केन्द्र की एजेन्सी कृषि व प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) को दशहरी के आयात को हरी झंडी दिए जाने की सूचना दे दी है। एपीडा ने राज्य सरकार से नवाब ब्राण्ड आम के ईरान भेजने की तैयारी शुरू करने को कहा है।
स्वाति सिंह ने कहा, दुबई, कुवैत, सऊदी अरब, बहरीन, कतर, यूएई व ओमान समेत मलेशिया, यूरोप भी जा रहा। फ्रांस, स्वीडेन, स्पेन, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन, हंगरी, आस्ट्रिया आदि। दशहरी के ईरान में प्रवेश की अनुमति का श्रेय पीएम मोदी की विदेश नीति को है। बीते दिनों उन्होंने ईरान की यात्र के दौरान कई समझौते किए थे। उसी के तहत यह पहल हुई है।
डाल की पकी दशहरी की मिठास मंडी में घुल गई है। दशहरी की मंडी शुरू होने से एक दिन पहले ही मलिहाबाद की आढ़त पर डाल की पकी दशहरी ने दस्तक दी है। सुरगौला गांव के एक किसान ने अपने बाग में तैयार डाल के पके दशहरी की पहली पेटी मलिहाबाद में 600 रुपए में बेची है। शहर की मंडियों में पाल की दशहरी 60 से 80 रुपए प्रति किलो में बिक रही है।
आम के शौकीनों को इस सीजन में खासतौर पर डाल के पके दशहरी का इंतजार रहता है। किसान प्रेमलाल ने बताया कि कई दिनों से बाग में छिटपुट आम के पकने का सिलसिला जारी है। बुधवार की सुबह बाग में एक पेटी से ज्यादा डाल के पके आम तैयार मिले। पुरवा गांव के बागवान विनोद कुमार ने बताया कि अन्य किस्मों के आम पहले ही पकने लगे थे। दशहरी का इंतजार था जो अब तैयार हो गए हैं।
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