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December 5, 2025
उदयपुर। जवाई पुनर्भरण परियोजना के नाम पर उदयपुर के कोटड़ा क्षेत्र में प्रस्तावित दो नए बांध- चक सांडमारिया और बुझा बांध ने आदिवासी समुदाय में गहरी बेचौनी पैदा कर दी है। यहां सैकड़ों आदिवासी पुरुषों व महिलाओं ने ढोल बजाकर अपना विरोध प्रकट किया। ढोल की गूंज के बीच एक ही आवाज उठी - बांध बनेगा तो हमारा घर-खेत कहाँ जाएंगे? समिति ने तहसीलदार लालाराम मीणा को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा, जिसमें बताया गया कि प्रस्तावित बांधों के कारण गरीब आदिवासी किसानों की कृषि भूमि डूब क्षेत्र में आ जाएगी। इससे न केवल उनकी आजीविका खत्म होगी बल्कि कई परिवारों को फिर से विस्थापन का दर्द झेलना पड़ेगा। आदिवासी समाज संघर्ष समिति- माण्डवा खण्ड (कोटड़ा) का कहना है कि कोटड़ा क्षेत्र पहले भी कई परियोजनाओं के कारण विस्थापन झेल चुका है। अब यदि ये दोनों बांध बने, तो सैकड़ों परिवारों को एक बार फिर घर-परिवार छोड़ने पर मजबूर होना पड़ेगा। समिति पदाधिकारियों ने कहा कि हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा माही डैम से जवाई बांध जोड़ने वाले प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया गया है। उनका कहना है कि माही का पानी जवाई तक पहुंच भी जाए, तो भी मारवाड़ क्षेत्र को पर्याप्त जलापूर्ति नहीं मिल पाएगी, फिर इन छोटे बांधों से क्या फायदा? ढोल की थाप पर उठती आवाजें सरकार तक संदेश पहुंचाने के लिए थीं- हमारी जमीन, हमारा जीवन कोई बांध नहीं छीन सकता। कार्यक्रम में कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष रायसाराम खेर, राजूराम, कमला शंकर खेर सहित कई लोग मौजूद रहे।
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