Post Views 01
December 4, 2025
पुष्कर में 2026 से शुरू होगा भव्य 200 कुंडीय शत गायत्री पुरश्चरण महायज्ञ, तैयारियाँ हुई तेज
तीर्थ नगरी पुष्कर एक बार फिर आध्यात्मिक महाकुंभ का साक्षी बनने जा रही है। वर्ष 2026 में 8 मार्च से 19 अप्रैल तक आयोजित होने वाले 200 कुंडीय शत गायत्री पुरश्चरण महायज्ञ की तैयारियां शुरू हो गई हैं। यह महायज्ञ अत्यंत विशेष माना जा रहा है, क्योंकि प्राचीन काल में पहला गायत्री पुरश्चरण महायज्ञ स्वयं ब्रह्मऋषि विश्वामित्र द्वारा सम्पन्न किया गया था। सदियों बाद पुनः उसी परंपरा को पुष्कर की पवित्र भूमि पर भव्य रूप में आयोजित किया जा रहा है। महायज्ञ से पूर्व 5 दिसंबर को मणिवेदिक शक्तिपीठ चामुंडा माता मंदिर के पास भूमि पूजन किया जाएगा। यह भूमि पूजन विद्वान पंडितों के आचार्यत्व और महामंडलेश्वर स्वामी प्रखर महाराज के सानिध्य में सम्पन्न होगा। भूमि पूजन के साथ ही यज्ञशाला, भोजनशाला, अस्थायी आवास तथा अन्य व्यवस्थाओं का निर्माणकार्य प्रारंभ हो जाएगा।महामंडलेश्वर स्वामी प्रखर महाराज ने बताया कि इस दिव्य महायज्ञ में लगभग 2 हजार विद्वान पंडित शामिल होंगे, जो 24 करोड़ गायत्री मंत्र का जाप करेंगे। साथ ही प्रतिदिन सूर्य सूक्त और सूर्य अथर्वशीर्ष मंत्रों की आहुतियाँ 200 यज्ञ कुंडों में दी जाएँगी। पूरे आयोजन के दौरान देशभर से आने वाले संत, महंत और आध्यात्मिक गुरुओं के प्रवचन भी आयोजित होंगे। इस महायज्ञ का प्रमुख उद्देश्य विश्व व्यापी आतंकवाद का शमन, हिंदू राष्ट्र निर्माण तथा वैश्विक शांति स्थापना बताया गया है। समिति का लक्ष्य इस महा अनुष्ठान के माध्यम से देशभर के 13 करोड़ ब्राह्मण समुदाय को जोड़ने का है।
© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved