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November 23, 2025
राजस्थान में लंबे इंतजार के बाद आखिरकार शिक्षा विभाग ने रविवार सुबह 620 प्रिंसिपलों के ट्रांसफर आदेश जारी कर दिए। यह सूची पिछले एक महीने से मुख्यमंत्री सचिवालय में अटकी हुई थी। सख्त रुख अपनाते हुए विभाग ने पूर्व में जारी की गई 5,000 प्रिंसिपलों की ट्रांसफर लिस्ट में बहुत कम संशोधन किए हैं। इस कारण उन 700 से अधिक प्रिंसिपलों में निराशा फैल गई है, जो अपने तबादला आदेशों में संशोधन की उम्मीद लगाए बैठे थे।
सूत्रों के मुताबिक शिक्षा मंत्री स्तर पर तैयार ट्रांसफर लिस्ट को पहले मुख्यमंत्री सचिवालय भेजा गया था, जहां करीब एक माह तक समीक्षा की गई। कई नामों पर पुनर्विचार किया गया, जिसके परिणामस्वरूप अंतिम स्वीकृति वाली लिस्ट में प्रिंसिपलों की संख्या घटकर 700 से 620 रह गई।
शिक्षा विभाग ने रिक्त पदों, विषयवार आवश्यकता और जिला स्तर पर व्यवस्थाओं को ध्यान में रखते हुए यह सूची तैयार की थी। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों की एक टीम को जयपुर बुलाकर पदों का मिलान कराया गया, जिनके आधार पर कई प्रिंसिपल—खासकर बड़े शिक्षक नेताओं—को भी शहरों से बाहर भेज दिया गया है। इस ट्रांसफर सूची का बेसब्री से इंतजार उन प्रिंसिपलों को था, जिन्हें दो महीने पहले जारी आदेश में अन्य जिलों में भेज दिया गया था। हालांकि कुछ प्रिंसिपलों को राहत मिली है और उन्हें गृह जिला वापस मिला है, लेकिन अधिकांश के आदेशों में कोई बदलाव नहीं किया गया।
सबसे निराशा की बात यह रही कि कई महिला प्रिंसिपल्स, जिन्होंने पहले गुहार लगाई थी कि उन्हें गृह जिला दिया जाए, उन्हें भी राहत नहीं मिली। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, सूची में संशोधन की सीमित गुंजाइश थी और निर्णय पदों की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। राज्य के लगभग सभी जिलों से प्रिंसिपलों के तबादले किए गए हैं, जिससे शिक्षा विभाग में एक बार फिर बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेरबदल की स्थिति बनी है। नए आदेशों के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि विभागीय कार्यों में लंबित व्यवस्थाएं सुगम गति से आगे बढ़ेंगी।
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