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October 27, 2025
बॉलीवुड में आर्मी ट्रेनर व फिल्म एक्टर याक़ूब ख़ान अजमेर शरीफ दरगाह हाजिरी देने पहुंचे। जहा उन्होंने अपनी फेमली के साथ सूफी हज़रत ख्वाजा गरीब नवाज रहमतुल्लाह अलैहि की बारगाह में अक़ीदत की चादर और फूल पेश किए। उन्हें दरगाह में ज़ियारत अंजुमन मेम्बर सैय्यद मुनव्वर पहलवान ने करवाई और सैय्यद क़ासिम अली ने उन्हें तबर्रुक भेंट किया। इस मौके पर याक़ूब खान ने अपनी ज़िंदगी मे क़ामयाबी की दुआ भी मांगी और अपना जीवन समाजसेवा में समर्पित करने की ख्वाहिश ज़ाहिर की। खान ने मीडिया से बातचीत में बताया कि फ़िल्म दुनिया मे उन्हें खूब मान सम्मान मिला और उन्होंने बॉलीवुड के कई फ़िल्म स्टार को आर्मी ट्रेनिग भी दी है। किसान की ज़िंदगी जीने वाले याक़ूब खान बताया की उन्होंने बड़ी मेहनत और शिक्षा के दम पर स्पोर्ट्स में राष्ट्रीय स्तर पर खेला है। मुम्बई में उन्होंने सरकारी नौकरी की ट्रेनिंग के लिए एक ट्रेनिंग सेंटर भी खोला और मानव सेवा व देशहित में आम लोगो को आर्मी की फ्री ट्रेनिंग भी दी। इसी तरह उन्होंने आगे बॉलीवुड में कदम रखा।
फ़िल्म अभिनेत्र जाह्नवी कपूर को आर्मी की ट्रेनिंग दी। फ़िल्म "न्यूट्रल" में 40 कलाकारों को भी आर्मी की ट्रेनिंग दी। फ़िल्म "बेताल" और अभिनेता अक्षय कुमार की फ़िल्म "केसरी" में भी आर्मी, स्पोर्ट्स ,बॉडी फ़िटनेस की ट्रेनिंग दी है। खान ने बताया कि उन्हें देश सेवा और समाज सुधार की लगन रही है। बॉलीवुड में ज़्यादा दिलचस्पी नही थी मगर फिर भी कई फिल्मों में आर्मी ऑफिसर की तरह कई रोल किये है। जिसमे बिग बी अमिताभ बच्चन की फ़िल्म " दीवार" और अमीर खान की फ़िल्म "राजा हिंदुस्तानी", कादर खान की फ़िल्म " हम है कमल के" के अलावा अक्षय कुमार,अजय देवगन की फ़िल्म में अपनी अदाकारी और हुनर का प्रदर्शन किया है। इस क़ामयाबी पर वो अल्लाह का शुक्र अदा करते है।
याक़ूब खान के अनुसार उनका ताल्लुक राजघराने से रहा है,उनके पता जस्सू खां कामदार यानी सेनापति जैसी एक पोस्ट होती है उस पर रहे और राजघराने से पारिवारिक रिश्ते रहे है। उनके पिता पहले मेड़तिया घराना में रहे, फिर तीन राजाओं के दरबार मे रहे। इसी तरह जोधपुर दरबार मे भी रहे और उन्हें कई अवार्ड से भी नवाज़ा गया। याक़ूब खान के पिता जस्सू खा कामदार एक फ़्रीडम फाइटर के साथ साथ मरते दम तक निर्विरोध गाँव बदलिया नौसर से सरपंच भी रहे। अपने पिता से प्ररित होकर वो अपने जीवन को मानव सेवा और देशसेवा में जुट गए है। अजमेर दरगाह पहुंचने पर याक़ूब खान का ख़ुद्दामें ख्वाजा ने संफा बांध कर स्वागत भी किया और ज़िंदगी मे क़ामयाबी की दुआओ से भी नवाज़ा।
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