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October 27, 2025
15 करोड़ का शाबाज और 11 करोड़ का बादल बने आकर्षण का केंद्र, विदेशी पर्यटक भी रह गए दंग
अंतर्राष्ट्रीय पुष्कर मेला अपने पूरे रंग में है।रेतीले नए मेला मैदान में इस समय घोड़ों, ऊंटों और पशुपालकों की रौनक देखते ही बन रही है। पंजाब, हरियाणा, बीकानेर और राजस्थान के अन्य जिलों से आए हजारों पशुपालकों ने अपने लग्जरी टेंटों में डेरा जमा रखा है। टेंटों के बाहर चमचमाती लग्जरी गाड़ियाँ और भीतर लाखों-करोड़ों के घोड़े, मेला मैदान को एक शाही अखाड़े का रूप दे रहे हैं।
इस बार पुष्कर मेले का सबसे बड़ा आकर्षण है — केकड़ी के अश्वपालक राहुल जेतवाल का घोड़ा “बादल, जिसकी कीमत 11 करोड़ रुपए आंकी जा चुकी है। मात्र 5 साल का यह सफेद घोड़ा अब तक 285 बच्चों का बाप बन चुका है और वर्तमान में इसकी 120 घोड़ियाँ गर्भवती हैं। बादल की ऊँचाई 68 इंच से अधिक है और यह नुगरा नस्ल का है। राहुल ने साफ कहा — “बादल हमारे परिवार का हिस्सा है, इसे बेचने नहीं, सिर्फ प्रदर्शन के लिए लाए हैं।”
वहीं पंजाब से आए पशुपालक गेरी अपने 15 करोड़ के घोड़े “शाबाज” को लेकर पहुंचे हैं। शाबाज अब तक 6 शो जीत चुका है और इसकी ब्रीडिंग फीस 2 लाख रुपए तक जाती है। गेरी हर साल अपने करीब 40 घोड़े लेकर पुष्कर आते हैं, जिनमें इस बार “भारत ध्वज”, “दबंग” और “नागेश्वर” जैसे नामचीन घोड़े शामिल हैं।
गेरी ने बताया — “शाबाज की हाइट 65 इंच है, और अब तक 9 करोड़ की बोली मिल चुकी है, लेकिन इसकी असली कीमत 15 करोड़ है।”
मेले में बीकानेर से आया 800 किलो वजन वाला “मुर्रा नस्ल का भैंसा बुलबुल” भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस भैंसे की कीमत करीब 10 लाख रुपए बताई जा रही है। भैंसे को देखने के लिए देशी ही नहीं, विदेशी सैलानी भी धोरों पर पहुंच रहे हैं। इस बीच अमेरिका और यूरोप से आए विदेशी पर्यटकों के दल ने जब इन करोड़ों के पशुओं को देखा, तो वे दंग रह गए। उन्होंने कहा कि पुष्कर मेला सिर्फ एक पशु मेला नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, पशु प्रेम और लोक परंपरा का जीवंत उदाहरण है। यह अनुभव जिंदगीभर याद रहेगा।”
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