Post Views 51
October 18, 2025
उदयपुर। जैसलमेर में हुए बस हादसे के बाद उदयपुर में भी परिवहन विभाग अलर्ट मोड पर है। लगातार 3 दिनों से उदयपुर रीजन के सभी 5 जिलों में बसों को चेक किया जा रहा है। कहीं, एग्जिट गेट तो कई फायर सेफ्टी... तो कई बसों में फिटनेस को लेकर कमियां मिली हैं। 3 दिनों में उदयपुर जिले में 15 बसें सीज की गई हैं। करीब 45 से ज्यादा बसों चालान बनाए गए हैं। कई बसों के फिटनेस सर्टिफिकेट भी सस्पेंड किए गए हैं। बसों के मॉडिफिकेशन को लेकर भी बस संचालकों से ठीक करवाने का लिखित पत्र लिया जा रहा है। दरअसल, हाल ही जैसलमेर में एक एसी स्लीपर बस में शॉर्ट सर्किट के चलते आग गई थी। हादसे में 22 लोगों की मौत के बाद पूरे राज्य में परिवहन के निर्देश पर अभियान चलाया जा रहा है। बताया गया कि उदयपुर रीजन में 14 टीमें हाईवे समेत अलग-अलग पॉइंट्स पर चेकिंग कर रही है। रीजन के उदयपुर, डूंगरपुर, सलूंबर, चित्तौड़गढ़ और राजसमंद जिले में कार्रवाइयां हो रही है। सभी टीमों की चेकिंग पर बड़े अधिकारी नजर बनाए हुए हैं। उदयपुर शहर के रेती स्टेंड, बलीचा, भुवाणा और अंबेरी सहित कई जगहों पर चेकिंग कर रही है। तीन दिनों में उदयपुर में भी 15 बसों को सीज किया गया। चेकिंग के दौरान बसों में एग्जिट गेट की स्थिति, फायर अलार्म और किट, सुरक्षा उपकरण की जांच की जा रही है। हालांकि अधिकत्तर बसों में ये सुविधाएं नहीं मिल पाई है। कई बसों में अंदर आने-जाने का रास्ता इतना संकरा मिला कि तुरंत बाहर निकल पाना बहुत मुश्किल है। कई बसों में यात्रियों से ज्यादा कूरियर और ट्रांसपोर्ट का सामान भी भरा मिला। बताया गया कि बसों के संचालन को लेकर अब नियमों में बदलाव की सख्त जरूरत है। पुरानी या मॉडिफाइड बसों को परमिट देने से पहले वायरिंग, एसी इंस्टॉलेशन और फायर सेफ्टी की जांच अनिवार्य होनी चाहिए। कई बस संचालक पुरानी बसों को मॉडिफाइड करवाकर परमिट ले लेते है, ऐसे में हादसे का खतरा बढ़ जाता है।
© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved