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October 6, 2025
धर्मांतरण विरोधी बिल 2025 को रोल बेक करने की मांग को लेकर भीम आर्मी आजाद समाज पार्टी एवं मसीह समाज ने हस्बैंड स्कूल से निकाली रैली
जिला कलेक्ट्रेट पर नारेबाजी करते हुए किया प्रदर्शन, प्रतिनिधि मंडल ने जिला कलेक्टर को राज्यपाल के नाम दिया ज्ञापन, पोस्टकार्ड के जरिए महामहिम राष्ट्रपति व राज्यपाल से कानून वापस लेने की मांग
सोमवार को धर्मांतरण विरोधी बिल 2025 को रोल बेक करने की मांग को लेकर जिला कलेक्ट्रेट पर जोरदार प्रदर्शन किया गया। भीम आर्मी आजाद समाज पार्टी, अजमेर क्रिश्चियन एसोसिएशन सहित मिशनरी से जुड़े सैकड़ों महिला पुरुषों ने हसबैंड स्कूल से हाथों में स्लोगन लिखी तख्तियों के साथ नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंच कर काफी देर तक प्रदर्शन किया। जिसके बाद प्रतिनिधि मंडल ने जिला कलेक्टर को राज्यपाल,राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
बड़ी संख्या में रैली में शामिल महिला पुरुषों ने कलेक्टर कार्यालय स्थित डाकघर में राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के नाम लिखे पोस्टकार्ड भी डाले।
आजाद समाज पार्टी के जिला अध्यक्ष लालचंद हिनूनीया के नेतृत्व में किए गए प्रदर्शन की जानकारी देते हुए पूर्व प्रदेश महासचिव चंद्रशेखर मौर्य ने बताया कि यह बिल धार्मिक स्वतंत्रता और संवैधानिक अधिकारों को नुकसान पहुंचाने ओर संविधान को कमजोर करने वाला है। बिल में सभी धर्मों के लोगों को लाभ देने को अवैध माना गया है, जो गलत है। यह बिल मानवता, दया और सेवा जैसे कार्यों को रोकता है, जो पुण्य के लिए किए जाते हैं। बिल में प्रलोभन के संबंध में कानून बनाया वह असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि बिल का कानून अस्पष्ट और असंवैधानिक है, जिसके दुरुपयोग की आशंका है। इसे बिना पूरी बहस और विपक्ष की अनुपस्थिति में जल्दबाजी में पास किया गया।
कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के जिला प्रभारी सेम डेविडसन ने बताया कि धर्मांतरण विरोधी बिल अभी पूरी तरह लागू नहीं हुआ है, लेकिन कुछ जगहों पर धर्मांतरण के झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। भविष्य में ऐसी घटनाएं बढ़ सकती हैं। यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से किसी भी धर्म को अपनाता है तो भी कुछ कट्टर संगठन उसके खिलाफ प्रोपेगंडा चला कर उसे गलत साबित करेंगे जिससे इस कानून के दुरूपयोग की संभावना बनी रहेगी। इसलिए इस बिल को लागू करने से पहले पूरे देश में व्यापक चर्चा होनी चाहिये।
प्रदर्शनकारियों ने राज्यपाल,राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से इस बिल को तुरंत रद्द करने की मांग की है।
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