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September 17, 2025
अजमेर मास्टर प्लान में दर्ज ग्रीन बेल्ट की भूमि को अजमेर विकास प्राधिकरण भू-व्यवसाईयों से मिली भगत करके भू-उपयोग परिवर्तन करेगी तो विरोध किया जाएगा, - बाबूलाल साहू
अजमेर विकास प्राधिकरण द्वारा मास्टर प्लान में दर्ज ग्रीन बेल्ट की भूमि जो की पेड़ पौधे लगाने एवं पशुओं के चरने के लिए चारागाह भूमि को नियमों के विरुद्ध भू-उपयोग परिवर्तन किया जा रहा है जिसका जमकर विरोध किया जाएगा,
इस संदर्भ में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में जानकारी देते हुए भारतीय पब्लिक लेबर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबूलाल साहू ने बताया कि लोहागल ग्राम की खसरा नंबर 1331 की भूमि जो की अजमेर मास्टर प्लान में ग्रीन बेल्ट में दर्ज भूमि है एवं यहां मात्र उपरोक्त क्षेत्र के ग्रीन बेल्ट को हरा भरा रखने हेतु पेड़ पौधे लगाने का काम होना था परंतु अजमेर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा नियमों के विपरीत जाते हुए उपरोक्त क्षेत्र को भू-उपयोग परिवर्तन कर दिया गया है, इसके विरोध को लेकर माननीय संभागीय महोदय को इस बाबत गत दिनों शिकायती प्राप्त प्रस्तुत किया जिसमें अवगत कराया गया है कि अजमेर जिला प्रशासन एवं अजमेर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा भूमि व्यवसाईयों से मिली भगत करके अजमेर के ग्रीन बेल्ट एवं चारागाह भूमि की कई क्षेत्रों को पूर्व में नियमों के विपरीत भू-उपयोग परिवर्तन कर दिया गया है, और अब लोहागल ग्राम की अजमेर मास्टर प्लान में दर्ज ग्रीन बेल्ट एवं चारागाह भूमि जिसका खसरा नंबर 1331, है जो कि उपरोक्त खसरे की भूमि सहित आसपास का क्षेत्र मास्टर प्लान 2033 के तहत ग्रीन बेल्ट में दर्ज है, एवं चारागाह भूमि है जिसे भू-उपयोग परिवर्तन किया जा रहा है
जो कि सर्वथा अनुचित है एवं मास्टर प्लान 2033 के विपरीत कार्य है, क्योंकि मास्टर प्लान एक बार लागू होने के बाद उसे ना तो जिला कलेक्टर परिवर्तन कर सकते हैं और ना ही अजमेर विकास प्राधिकरण आयुक्त एवं सचिव कर सकते हैं,
इस संदर्भ में श्री बाबूलाल साहू ने जानकारी देते हुए बताया कि अजमेर शहर मे आसपास के इलाके शहरी आबादी क्षेत्र होने के कारण जानवरों और पशुओं के चरने की व्यवस्था बिल्कुल नहीं है एवं समस्त जानवरों के लिए अजमेर शहर के मास्टर प्लान 2033 में बाहरी क्षेत्र को कई राजस्व ग्राम के खसरो को चारागाह भूमि मास्टर प्लान में ग्रीन बेल्ट रिजर्व घोषित किया हुआ है,
परंतु भूमि व्यवसाईयों से मिलीभगत करके अजमेर विकास प्राधिकरण के कार्मिक अधिकारियों द्वारा खसरा नंबर 1331 सहित मास्टर प्लान के ग्रीन बेल्ट में दर्ज भूमि को कथिक रूप से आबादी क्षेत्र घोषित करने का प्रयास किया जा रहा है,
जो कि उपरोक्त क्षेत्र में मात्र पेड़ पौधे लगाकर क्षेत्र को हरा भरा रखने हेतु ही रिजर्व क्षेत्र घोषित है, तथा साथ ही जानवरों के चरने हेतु चारागाह भूमि के हक में किसी प्रकार से बीड भूमि से भू-उपयोग परिवर्तन नहीं होने दिया जाएगा,
अगर माननीय संभागीय आयुक्त द्वारा इस पर रोक नहीं लगाते हैं तो मुख्यमंत्री के एवं चीफ सेक्रेटरी के समक्ष उपरोक्त चारागाह भूमि को लेकर परिवाद दर्ज करवाया जाएगा, एवं उच्च स्तर पर कार्रवाई नहीं होने पर अजमेर मास्टर प्लान में दर्ज उपरोक्त ग्रीन बेल्ट की भूमि को भू-उपयोग परिवर्तन से बचाने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एनजीटी में भी अपील की जाएगी,
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