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March 30, 2025
अलविदा माहे रमज़ा अब जुदा होता है तू क्या रहमतों के साथ आया था अब हम इसे कैसे दोबारा पाएंगेंअब फिर इंतेज़ार आने का करेंगें हम तेरा माहे रमज़ान तेरी अज़मतो तेरी नेमतों का शुक्र भी हम से हो न सका अभी तो तेरा हक़ भी अदा नहीं हो सका अभी तो तौबा भी सही से नहीं कर सके तेरी इबादत का मौका तो मिला पर तौबा भी सही से नहीं कर सके वो सेहरी का वक़्त सुबह की नमाज़ मालिक को बेदारी शिद्दत से यादकर दुआ मांगना दिन भर उस रब्बे क़दिर की याद में रोज़ा रखकर इबादत करना शाम को जब इफ़्तार का वक़्त हो तो रोज़ा इफ़्तार करना क्या ख़ूबसूरत होता है वो वक़्त खाना सामने हो और हम उसे अपने मालिक की बग़ैर मर्जी उसे खा न सके जब उसका हुकुम होता है उसी वक़्त रोज़ा इफ़्तार होता है हम सब उस मालिक की दुनिया में उसकी रिज़ा मैं उसकी मर्ज़ी पर रहते हैं माहे रमज़ान में रात में जागकर इबादत करना रोज़ा रखना कमज़ोर की पैसों से मदद करना मालिक को खुश करना यही रमज़ान का मक़सद है भूखा प्यासा रहना रमज़ान का मक़सद नहीं है बल्कि मालिक का अहसान है हम सब पर की उसने कितनी खूबसूरत दुनिया सजाई है और जीना का सलीका बताया हक़ ओ सदाकत पर जो चलते हैं वहीं कामयाब होते हैं रोज़ा रखना और उसकी हिक़मत जानना ये बहुत जरूरी है जब आप सुबह सूरज निकलने से पहले पहले अपना खाना पीना बन्द कर देते हैं फिर दिन भर आप कुछ नहीं खाते हैं ये आपकी सेहतमंदी और तंदुरुस्ती सलामती है दिन भर जिस्म को आराम मिलता है फिर शाम को खाना पीना होता है आपका जिस्म तंदरुस्त हो जाता है रोज़ा रखकर जो भूख प्यास लगती है वो सब्र और इबादत है रमज़ान तो फ़िर आयेंगें पर हम इस दुनिया में रहे या न रहें इस साल तो प्यारा रमज़ान मालिक की रहमत और अज़मत और उसका फ़ैज़ान की बरकतें देकर हमसे विदा ले रहा है हर साल रोज़ा इफ़्तार शहर में जगह जगह अलग अलग हर साल होता है पूरे शहर में हिंदू मुस्लिम भाई सब मिलकर रोज़ा इफ़्तार कराते हैं
अजमेरू प्रेस क्लब संस्थापक अध्यक्ष जनाब रमेश अग्रवाल साहब ,अध्यक्ष जनाब राजेंद्र गुंजल साहब अजमेरू प्रेस क्लब के सांस्कृत आयोजन समिति के संयोजक जनाब आलम नवाज़ साहब आप हर प्रोग्राम को अपनी सलाहियत से कामयाब बनाते हैं इस बार भी रोज़ा इफ़्तार का एहतेमाम किया गया
आर्युवेदिक के अध्यक्ष डॉ जनाब नवाज़ुल हक़ साहब ने भी रोज़ा इफ़्तार का एहतेमाम किया
सी बी एस सी के जनाब आसिफ़ अली साहब ने लोहा खान मैं हिंदू मुस्लिम सभी भाइयों ने रोज़ा इफ़्तार का एहतेमाम किया
इससे पहले मैं डॉ जनाब इशफाक हुसैन साहब के रोज़ा इफ़्तार का प्रोग्राम भेज चुका हुं
सभी रोज़ा इफ़्तार मैं दरगाह ख़्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती गरीब नवाज़ के खादिम अंजुमन मेंबर गद्दीनशीन जनाब सैय्यद मुनव्वर चिश्ती साहब ने सभी रोज़ा इफ़्तार मैं शिरक़त की और सभी रोज़ा इफ़्तार मेजबानों की दस्तारबंदी की शौल उड़ाकर अपनी दुआओं से नवाज़ा जनाब सैय्यद मुनव्वर चिश्ती साहब एक ऐसी शख्सियत हैं जो हर समाज के हमदर्द हैं सभी खुशियों मैं शिरक़त करते हैं और हौसला अफजाई करते हैं और सबकी जोड़कर समाज को एक भाईचारे मोहब्बत एखलाक गंगा जमनी तहज़ीब सूफियाना पैग़ाम देते हैं अंजुमन सदर जनाब सैय्यद ग़ुलाम क़िबरिया साहब ने और शहर की हिन्दू मुस्लिम भाइयों ने शिरक़त की और भी मोअज़ीज़ हस्तीयों ने शिरक़त की खालिद खान समाज सेवी ने हार पहनाकर कर सभी मेजबानों को मुबारक बाद दी
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