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March 24, 2021
देवनानी जी! अगर आपने आनासागर का चीर हरण बचा लिया तो आप ताउम्र विधायक बने रहेंगे, लोक नायक हो जाएंगे
आना सागर को द्रोपदी की तरह निर्वस्त्र किया जा जा रहा है और हम पाँडवों की तरह देखने पर मजबूर हैं। लानत है हम पर---आ थू...!!
अस्सी में से मात्र 14 वार्ड बनाए जा रहे हैं स्मार्ट बाक़ी वार्डों में विकास जैसा कुछ भी नहीं
सीमेंट के इस जंगल मे ज़ेबों तक बन रहे हैं कई पाथ -वे
सुरेन्द्र चतुर्वेदी
विधायक वासुदेव देवनानी का यदि वास्तव में आना सागर को लेकर दिल पसीज गया है तो मैं उनको नमन करता हूँ।आनासागर उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता है। अजमेर उनके एहसानों का बदला कभी नहीं चुका सकता।
देवनानी जी ने ज़िला कलेक्टर से मिलकर आना सागर के चारों तरफ किए जा रहे अतिक्रमण हटाकर पाथ वे बनाए जाने की मांग उठाई है। उन्होंने डूब क्षेत्र में मिट्टी डालकर बनाए जा रहे पाथ वे की आड़ में खेले जाने वाले खेल की बात पर भी नाराज़गी व्यक्त की है।उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि आना सागर के किनारों पर डूब क्षेत्र में बने मकानों के नक़्शे किसने पास किये, इसकी जांच की जाए।उनको तोड़ कर पाथ वे बनाया जाए
मैंने कल ही आना सागर के दर्द को अपने ब्लॉग में बयान किया था। विधायक देवनानी पर कई तंज कसे थे। उनके राजनीतिक शिष्य पार्षद रमेश सोनी पर भूमाफियाओं को प्रोत्साहित करने का आरोप लगाया था। रमेश सोनी की अंतरात्मा पर मेरे ब्लॉग का शायद कोई असर नहीं हुआ।होना भी नहीं था। वरना वे भी देवनानी जी की तरह अपने क्षेत्र में हो रहे काले खेल पर विरोध जरूर व्यक्त करते।
विधायक देवनानी जी की अंतरात्मा में हुए परिवर्तन की बानगी उनके जिला कलेक्टर से मिलने पर सामने आई ।उनके विधानसभा में प्रश्न उठाने पर सामने आई।उनको मैं दिल से नमन करता हूँ।
शहर के मुर्दा लोगों को जगाने के लिए मैं अक्सर ब्लॉग लिखता हूँ। मेरा मक़सद सिर्फ़ हंगामा खड़ा करना नहीं होता।वक़्त की नब्ज़ पर हाथ रहना होता है ।मुझे ख़ुशी है कि मेरे उठाए मुद्दे पर कई बार प्रशासन कार्रवाई भी करता है ।
आनासागर को बचाने के लिए मैंने क्या नहीं लिखा किस -किसको नहीं कोसा मगर जिला प्रशासन ने अपनी आंखों पर पता नहीं कौन सी पट्टी बांध ली है जिससे उसे कुछ दिखाई नहीं देता।जैसे उसने तय ही कर लिया है कि आनासागर को वह बर्बाद करके ही मानेगा।
कल मैंने आनासागर के किनारों पर मिट्टी डाल कर बनाई जा रही कृत्रिम ज़मीन का खेल खुद अपनी आंखों से देखा ।नगर सुधार न्यास के पूर्व अध्यक्ष धर्मेश जैन के साथ।झील संवर्द्धन समिति के वे अध्यक्ष भी रहे हैं।
सैकड़ों बीघा ज़मीन पिछले दो महीनों में वहां बना दी गई है। जिस तरह रामसेतु लंका और भारत के बीच बनाया गया था ।दोनों तरफ समुद्र थे। वैसा ही सेतु पाथ वेके नाम पर यहां आना सागर के बीच में बनाया जा रहा है।दोनों तरफ़ पानी हिलोरे मार रहा है। किनारों को छोड़ आसपास के सूखे किनारों को छोड़ कर , आना सागर के बीच में जाना, वहां जहाँ दोनों तरफ़ पानी है,जहाँ नावें चलती हैं, जहां दूर-दूर से परिंदे आकर माइग्रेट होते हैं, वहां मिट्टी डालकर रास्ता बनाया जा रहा है।शर्मनाक है ये सब।
आनासागर के कलेजे पर चाकू घौंपे जा रहे हैं और जिला प्रशासन ऐसा करके अपनी पीठ थपथपा रहा है।शहर को स्मार्ट बना रहा है।
लोग मूकदर्शक बनकर आनासागर की हत्या होते देख रहे हैं।शहर की इतनी सारी सामाजिक संस्थाएं हैं लेकिन लगता है सभी नपुंसक लोगों का समूह बन कर रह गई हैं। कहीं से कोई आवाज़ नहीं उठाई जा रही।ग़रीबों को गणवेश बांटने वाले क्लब , विधवाओं को मशीनें देकर अनुग्रहित करने वाली संस्थाएं, विकलांगों को उपकरण बांटने वाले संस्थान!आनासागर को विकलांग होते देख रहे हैं ।
शहर की खूबसूरती का पर्याय मानी जाने वाली इकलौती झील को द्रोपदी बनाकर निर्वस्त्र किया जा रहा है और लोग दुर्योधन की चाल नहीं समझ पा रहे ।अपने आप को शहर का भीष्म पितामह कहने वाले लोग अपनी आंखों के सामने चीर हरण देख रहे हैं ।
आनासागर की हत्या हमारी आंखों के सामने हो रही है और हम चश्मदीद गवाह बन रहे हैं ।हमारे मुंह से चीख़ तक नहीं निकल रही। हमारी मुट्ठियाँ संकल्पित नहीं हो रहीं।
पृथ्वीराज का शहर नपुंसक और पंगु हो गया है ।इतना नपुंसक और पंगु की एक झील का भू माफ़ियाओं द्वारा सौदा हो रहा है और हम उस सौदों को तोड़ नहीं पा रहे।और तो और एक मज़हब विशेष के लोग पूरी की पूरी नक़ली ज़मीन पर अजगर बने बैठे हैं।
मित्रों ! मैं आपको बता दूं कि 80 वार्डों वाले अजमेर शहर में सिर्फ़ 14 वार्डों को स्मार्ट बनाया जा रहा है। करोड़ों की स्मार्ट योजना सिर्फ 14 वार्डों तक सीमित हैं। बाकि पूरा शहर यानी 90% शहर स्मार्ट योजनाओं के घेरे से बाहर है। जिस तरह सागर विहार कॉलोनी को डूब क्षेत्र में बसाया गया और बारिशों में वहाँ पानी भरता है।महीनों तक पम्पों से बाहर निकाला जाता है।यही हाल महावीर कॉलोनी और विश्राम स्थली के आसपास बनी कॉलोनियों का होगा ।मेरा दावा है।
बाटा तिराहे के विरोध को लेकर कुछ व्यापारियों ने अपने आंदोलन छेड़ कर अखबारों में अपना नाम चमकाने का अभियान छेड़ रखा है।उनको शायद ये पता भी नहीं कि उनका आंदोलन खोखला किया जा चुका है। प्रशासन ने जो करना है वह धार रखा है ।वही होगा जो योजना के तहत काग़ज़ों पर बने नक्शे कह रहे हैं। विरोध धरा रह जाएगा और जिला प्रशासन अपनी मंशा पर मोहर लगाकर ही मानेगा।
मुझे पता है कि मेरे सच कहने नतीजा क्या होगा ? मैं अपने साथ होने वाली साज़िशों से वाकिफ़ हूँ। मैं सच बोलने की सज़ा भुगतने को तैयार हूँ। पहले भी मुझ पर कई मुक़दमे दर्ज़ होते रहे हैं ।हर युग में सच कहने का साहस करने वाले सूली पर चढ़ाए जाते हैं ।इस बार मैं सही।
मित्रों !! शहर को स्मार्ट बनाए जाने के नाम पर सीमेंट का जंगल उगाया जा रहा है। शहर की पहचान, उसके इतिहास, उसके परिवेश ,उसकी परंपराओं ,उसके लोक चरित्र को समूल नष्ट किया जा रहा है। हम गली कूंचों और शहर की ऐतिहासिक विरासतों की हत्या होते देख रहे हैं ।वक़्त और आने वाली पीढियां हमको कभी माफ़ नहीं करेंगी। आप हत्यारों को प्रोत्साहित कर रहे हैं ।उनकी मदद कर रहे हैं।
विधायक देवनानी के लिए पहली बार मैं लिख रहा हूँ कि वे यदि आनासागर के सीने पर घौंपे जा रहे ख़ंजरों को अपने सीने पर महसूस कर रहे हैं तो इसे अपनी प्रतिष्ठा से जोड़कर मैदान में उतर जाएँ। पूरा अजमेर उनके साथ हो जाएगा। यदि वे आनासागर की अस्मिता को बचा पाए उसके मूल स्वरूप को जिंदा रख पाए तो मैं दावा करता हूं कि वे जीवन पर्यंत विधायक पद से हटाए नहीं जा सकते ।पूरा शहर उनके इस कृत्य के लिए उन्हें हमेशा अपना नेता मानता रहेगा।वे भाजपा के नहीं शहर के नेता हो जाएंगे।ईश्वर ने उनको जो सद्बुद्धि दी है वे उसका उदाहरण पेश करें।
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