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क़लमकार: आनासागर को स्मार्ट सिटी के अधिकारी और भूमाफिया मिलकर डकार रहे हैं

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March 23, 2021

देवनानी का विधानसभा में सवाल उठाना क्या मात्र नाटक तो नहीं

आनासागर को स्मार्ट सिटी के अधिकारी और भूमाफिया मिलकर डकार रहे हैं



देवनानी का विधानसभा में सवाल उठाना क्या मात्र नाटक तो नहीं




महावीर कॉलोनी से विश्राम स्थली तक डंपरों से मिट्टी डाल कर डूब क्षेत्र में बनाई जा रही है कृत्रिम ज़मीन 




देवनानी के ख़ास पार्षद रमेश सोनी क्यों नहीं बोल रहे देवनानी की भाषा




नगर निगम की मेयर ब्रजलता हाड़ा क्यों हैं चुप




XEN अविनाश शर्मा क्यों कर रहे हैं झील का नाश




सुरेन्द्र चतुर्वेदी




रोती हुई आनासागर झील के आँसुओं से आख़िर विधायक देवनानी का दिल पसीज गया। उन्होंने विधानसभा में आना सागर पर केंद्रित मेरे ब्लॉग को आधार बनाकर चिंता व्यक्त की। आनासागर के मूल स्वरूप पर किए जा रहे हमले पर उन्होंने सवाल खड़े किए।




ऐसा नहीं कि देवनानी जी ने पहली बार विधानसभा में आना सागर को लेकर सवाल उठाया हो! वे पहले भी एक बार टापू को लेकर कई गंभीर सवालों के साथ विधानसभा में यह मुद्दा उठा चुके थे।




देवनानी जी कब सवाल उठाते हैं ,और कब चुप हो जाते हैं और अचानक क्यों चुप हो जाते हैं यह सवाल मेरे मन में हमेशा कदम ताल करता रहता है। अपने चहेते धर्मेंद्र गहलोत को येन केन प्रकारेण मेयर बनाने के बाद अचानक उनकी नज़र से आना सागर गायब कैसे हो गया मेरे समझ में नहीं आया !




उनके कार्यकाल में आना सागर के किनारों को कृत्रिम ज़मीन बना कर उस पर कब्जा किया जाता रहा। जब आना सागर के साथ दुर्व्यवहार हो रहा था तब मेयर गहलोत और विधायक देवनानी की आंखों पर गांधारी की पट्टी कैसे बंद गई थी  यह मैं नहीं खुद आनासागर पूछ रहा है ।




यदि आनासागर के इस सवाल का दोनों ही नेताओं के पास कोई मुकम्मल जवाब है तो वे जनता को दें ।




सच तो यह है कि मेयर गहलोत भी यदि चाहते तो आना सागर के मूल स्वरूप को बनाए रखा जा सकता था। देवनानी जी की पार्टी जब सत्ता में थी, वे बेहद ताक़तवर मंत्री भी माने जाते थे। तब वे चाहते तो आना सागर पर हो रहे अतिक्रमण को रोका जा सकता था ।





विधानसभा के शून्य काल में सवाल उठाकर अपने आपको धन्य मानने वाले परम आदरणीय देवनानी जी से मेरा आग्रह है कि वे अपनी ही पार्टी के नेता भूतपूर्व नगर सुधार न्यास अध्यक्ष धर्मेश जैन को साथ लेकर, ज़रा महावीर कॉलोनी का दौरा करें।





आनासागर की चिंता में दुबले होने का नाटक करने की जगह देवनानी जी यदि दौरा करें तो उन्हें पता चल जाएगा कि स्मार्ट सिटी की योजना पाथ वे की आड़ में भू माफियाओं के साथ मिलकर अधिकारी क्या-क्या खेल खेल रहे हैं




महावीर कॉलोनी आनासागर से अड़ी हुई है ।यहाँ से लेकर विश्राम स्थली तक स्मार्ट सिटी के XEN अविनाश शर्मा क्या घिनौना खेल खेल रहे हैं , आप देखकर दंग रह जाएंगे। रात दिन डंपर से मिटटी डलवा कर आना सागर पे कई बीघाओं में नक़ली ज़मीन बनाई जा रही है।




सर्वोच्च न्यायालय के आदेश हैं कि डूब क्षेत्र में किसी भी तरह का निर्माण कार्य नहीं हो सकता व नदी नालों का मूल स्वरूप किसी भी हाल में बिगाड़ा नही जा सकता, मगर यहाँ तो खुलेआम महावीर कॉलोनी से विश्राम स्थली तक झील में भरे हुए पानी में मिट्टी डालकर उसके मूल स्वरूप को नष्ट किया जा रहा है।




स्मार्ट सिटी द्वारा पाथवे बनाए जाने की योजना बुरी नहीं, मगर उसकी क्रियान्वित में करोड़ों का घपला किया जा रहा है ।




विधायक देवनानी के राजनीतिक शिष्य रमेश सोनी इस क्षेत्र के पार्षद हैं ।उनके मुंह से एक बार भी विरोध में शब्द नहीं निकल रहा । प्रशासन चाहता तो महावीर कॉलोनी से अड़ते हुए पाथवे बनाया जा सकता था। किनारे पर बनाए गए अवैध मकान हटाए जा सकते थे, मगर भू माफियाओं से मिलकर नेताओं ने चांदी की पट्टी बांध ली और अधिकारी तो पहले से ही जेबें भरने में लगे हुए थे।





यदि देवनानी जी इतने ही कर्तव्यनिष्ठ, संवेदनशील और ईमानदार नेता हैं तो आना सागर की रक्षा के लिए खुलेआम मैदान में उतर जाएं।अपने चेले रमेश सोनी को कहें कि उनके पार्षद क्षेत्र में आना सागर पर हो रहे हमले को रोकने की आवाज़ मजबूती से उठाएं।





दरअसल जिला कलेक्टर श्री प्रकाश राजपुरोहित को अंधेरे में रखकर कुछ चतुर अधिकारी भू माफियाओं की मदद कर रहे हैं। पहले भूमाफिया आनासागर के किनारों पर कृत्रिम ज़मीन बना रहे थे अब पाथवे की आड़ में ख़ुद अधिकारी उनका यह काम आसान कर रहे हैं ।





शहर वासियों से मेरा आग्रह है कि वह महावीर कॉलोनी के पीछे जाकर एक बार ज़रूर देखें कि किस रफ़्तार से डंपरों से आना सागर के किनारों पर मिट्टी डाली जा रही है। विश्राम स्थली तक डूब क्षेत्र का बड़ा हिस्सा मिट्टी से भरा जा रहा है।





स्मार्ट सिटी के XEN अविनाश शर्मा आनासागर के सबसे बड़े शत्रु का काम कर रहे हैं। ज़िला कलेक्टर साहब को उनके असली खेल का यदि पता चल जाए तो शायद कुछ हो जाए, या देवनानी जी सच्चे मन से आना सागर को बचाने के लिए मैदान में कूद जाए तो ही कुछ हो सकता है ।





इलायची बाई के शहर में आना सागर किसी दिन बावड़ी बनकर रह जाएगा और हम ताली वादक बन कर देखते रहेंगे ।पाथवे के नाम पर भूमाफिया अपनी जेबें भरने के लिए मजबूत पाथवे बना रहे हैं। अधिकारियों को विकास के नाम पर विनाश करने की पूरी छूट मिली हुई है।




आप पार्टी की कीर्ति पाठक ने मुझसे चिंता व्यक्त की थी मगर वे भी शांत होकर बैठ गई हैं। यदि उनमें ज़रा ज़मीर है तो वे महावीर कॉलोनी के पिछले हिस्से में जाकर सच्चाई का पता लगाएं।और खुलेआम हो रहे इस खेल के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को कटघरे में खड़ा कर झील को मूल स्वरूप में लाने का संकल्प लें। जनता आपका साथ जरूर देगी ऐसा मेरा मानना है।




मित्रो! आनासागर की बर्बादी यदि आप इसी तरह मूक बधिर और अंधे बन कर देखते रहे तो इतिहास में आपका नाम भी शत्रुओं की सूची में ही लिखा जाएगा।


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