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अंतर्राष्ट्रीय न्यूज़: श्रीलंका ने कहा हंबनटोटा बंदरगाह 198 साल इस्तेमाल कर सकता है चीन, ड्रैगन ने दी प्रतिक्रिया

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February 25, 2021

चीन ने बुधवार को कहा कि श्रीलंका के विदेश मंत्री दिनेश गुणव‌र्द्धना के हवाले

श्रीलंका ने कहा हंबनटोटा बंदरगाह 198 साल इस्तेमाल कर सकता है चीन, ड्रैगन ने दी प्रतिक्रिया

 चीन ने बुधवार को कहा कि श्रीलंका के विदेश मंत्री दिनेश गुणव‌र्द्धना के हवाले से आई यह खबर तथ्यों के विपरीत है कि हंबनटोटा बंदरगाह को 99 साल के पट्टे लेने संबंधी विवादास्पद समझौते में पट्टे की अवधि इतने और वर्ष विस्तारित किए जाने का प्रावधान है।

श्रीलंका के विदेश मंत्री दिनेश गुणव‌र्द्धना ने कहा है कि मैत्रिपाला सिरिसेना के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार ने हंबनटोटा बंदरगाह को 99 साल के पट्टे पर चीन को दिया था और इसमें आगे भी 99 साल के लिए पट्टे को बढ़ाने का प्रावधान था। श्रीलंका के अखबार  सीलोन टुडे ने 20 फरवरी को गुणव‌र्द्धना के हवाले से यह खबर दी थी।
वहीं, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि हंबनटोटा बंदरगाह एक महत्वपूर्ण परियोजना है जिसे चीन और श्रीलंका संयुक्त रूप से बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआइ) के तहत बना रहे हैं। श्रीलंका सरकार द्वारा समझौते पर फिर से बातचीत करने का क्या चीन ने विरोध किया है इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, संबंधित खबर तथ्यों के विपरीत है।


यह पूछे जाने पर कि क्या एमओयू में इस अवधि को बढ़ाने का उल्लेख है, गुणव‌र्द्धना ने कहा, हां। इसमें कहा गया है कि 99 साल की लीज को आगे की अवधि के लिए बढ़ाया जा सकता है। जिसका अर्थ है कि यह 99 साल या उससे अधिक वर्षों तक आगे चल सकता है। हाल ही में राष्ट्रपति गोताबया राजपक्षे ने बंदरगाह के चीनी नियंत्रित क्षेत्र से श्रीलंका के नौसेना अड्डे को स्थानांतरित कर दिया है।

बता दें कि श्रीलंका में विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में चीन सबसे बड़े निवेशकों में से एक है। लेकिन स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन द्वारा श्रीलंका को कर्ज के जाल में फंसाए जाने की काफी आलोचना हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान सहित एशिया और अफ्रीका के कई देशों को चीन ने बढ़ते कर्ज से दबाया हुआ है।


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