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February 20, 2021
जर्मन के एक वैज्ञानिक ने दावा किया है कि उन्हें 99.9 फीसदी यकीन है कि कोरोना वायरस चीन के वुहान रिसर्च लैब से ही आया था। यूनिवर्सिटी ऑफ हैम्बर्ग के डॉ. रोनाल्ड वीजेनडेंजर ने इसे लेकर 100 पन्नों का रिसर्च तैयार किया है जिसमें कहा गया है कि कोरोना वायरस वुहान के इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से ही आया था जहां से इस महामारी की शुरुआत हुई थी।
उन्होंने कहा कि तथ्य ये है कि लैब में किसी तरह के सुरक्षा उपाय नहीं थे, रिसर्चर्स वायरस को और घातक बनाने में लगे हुए थे।
हालांकि कई लोगों ने उनके रिसर्च की आलोचना करते हुए इसे अवैज्ञानिक, अखबार की रिपोर्ट पर आधारित और यूट्यूब वीडियो के आधार पर बनाया गया बताया है। इन्होंने कहा कि प्रोफेसर कोई वायरस विशेषज्ञ नहीं हैं।
कहा गया है कि उनका पेपर डब्ल्यूएचओ टीम के वुहान दौरे के 10 दिन बाद छपा है।
डॉ. वीजेनडेंजर ने जर्मन मीडिया के सामने स्वीकार किया कि उनके पास इसे साबित करने के लिए कोई प्रमाण नहीं हैं कि कोरोना वायरस वुहान लैब से आया था। उन्होंने जर्मन अखबार जेडडीएफ से कहा कि मुझे 99.9 फीसदी यकीन है कि वायरस वुहान लैब से ही आया था।
उन्होंने तथ्य रखते हुए कहा कि चीन ने अब तक यही कहा है कि उसके द्वारा की गई छानबीन में अभी तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे पता चलता हो कि वायरस से सबसे पहले कौन संक्रमित हुआ।
2012 में सबसे पहले कोरोना वायरस मोजियांग में एक खान में चमगादड़ों में पाया गया था और इसे RaTG13 नाम दिया गया था।
डॉ. वीजेनडेंजर ने कहा कि ये चमगादड़ वुहान से करीब 1200 मील दूर थे, यानी इससे साबित होता है कि वे वुहान में इसे नहीं फैला सकते थे।
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