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February 11, 2021
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत को अपना सबसे अहम सहयोगी बताया। उसने कहा कि वह भारत के एक अग्रणी वैश्विक शक्ति के रूप में उभरने और क्षेत्र के एक प्रहरी के रूप में उसकी भूमिका का स्वागत करता है।
जो बाइडन के प्रशासन ने यह भी कहा कि क्वाड (भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया व जापान) देशों का साथ मिलकर काम करना एक हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए एक मिसाल है। इससे पहले, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मंगलवार को बातचीत की थी।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने एक सवाल के जवाब में बताया, भारत और अमेरिका की समग्र वैश्विक रणनीतिक साझेदारी व्यापक होने के साथ-साथ बहुआयामी भी है।
ऐसे में भारत का विश्व शक्ति के रूप में उभरना सचमुच स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा कि अमेरिका निश्चित ही भारत का सबसे बड़ा और अहम व्यापारिक साझेदार भी है, जिसका 2019 में कुल द्विपक्षीय व्यापार बढ़कर 146 अरब डॉलर हो गया है।
उन्होंने कहा, अमेरिकी कंपनियां भारत के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का एक बड़ा स्रोत हैं। प्राइस ने कहा,क्वाड देशों का समूह मुक्त व खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के हित में भारत-अमेरिका समेत हमारे करीबी भागीदारों के बीच सहयोग का महत्वपूर्ण उदाहरण है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हम क्वाड देशों के समूह को गतिशील और महत्वपूर्ण क्षमता के रूप में देखते हैं और इसीलिए हम समुद्री सुरक्षा के साथ ध्यान देने वाले अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा रहे हैं। इसके साथ ही मौजूदा समय को परिभाषित करने वाले मुद्दों पर भी हम क्वाड के सहयोगियों के साथ काम कर रहे हैं।
भारत-चीन सीमा के हालात पर अमेरिका पैनी नजर रखे हुए है और उसने अपने पड़ोसियों को डराने-धमकाने के चीन के रवैए पर चिंता जताई। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा,हम हालात पर पैनी नजर रखे हैं।
हम भारत एवं चीन की सरकारों के बीच जारी वार्ता से अवगत हैं और सीधी वार्ता और उन सीमा विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का लगातार समर्थन कर रहे हैं। हम सहयोगियों के साथ खड़े हैं।
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