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February 9, 2021
एक सप्ताह पहले देश में सैन्य तख्तापलट के बाद पिछले तीन दिनों से जारी विरोध-प्रदर्शनों का दौर सोमवार को भी जारी रहा। प्रदर्शनकारी देश की नेता आंग सान सू की और अन्य की रिहाई की मांग कर रहे हैं।
इस बीच राजधानी में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने वाटर केनन से पानी की तेज बौछार कर पहली बार अपनी तरफ से कार्रवाई की। ये प्रदर्शन देशभर में फैल चुके हैं।
नेपीता में कई दिनों से चल रहे प्रदर्शन के मद्देनजर सोमवार को यहां बड़ी संख्या में सैन्य मौजूदगी देखी गई। जबकि विरोध-प्रदर्शन में सरकारी कर्मचारी और उनके परिजन भी शामिल हुए। इन प्रदर्शनकारियों में शिक्षक, वकील, बैंक अधिकारी और सरकारी कर्मी शामिल हुए। विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए नेपीदा में प्रशासन ने पानी की बौछार करने वाली गाड़ियों को तैनात कर दिया है।
दूसरी तरफ, हजारों शिक्षकों ने यंगून के एक कस्बे से सुले पैगोडा की तरफ रैली निकाली। यंगून के एक प्रमुख चौराहे पर भी विरोध प्रदर्शन हुआ जिसमें लोगों ने नारे लगाते हुए तीन उंगली की सलामी भी दी जो विरोध का द्योतक है। देश के उत्तर, दक्षिण-पूर्व और पूर्वी शहरों के साथ-साथ मांडले शहर में भी नए प्रदर्शनों की खबरें हैं, जहां मार्च और मोटरबाइकों का जुलूस निकाला गया।
ऑस्ट्रेलिया ने म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के दौरान हिरासत में लिए गए अपने नागरिक को तुरंत रिहा करने को कहा है। दरअसल, आर्थिक नीतियों के विशेषज्ञ सॉन टर्नेल ने सोशल मीडिया के जरिए दोस्तों को बताया था कि उन्हें हिरासत में लिया गया है। उसके बाद उनसे संपर्क नहीं हुआ है।
ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मरीस पायने ने प्रोफसर सॉन को तुरंत रिहा करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि म्यांमार में ऑस्ट्रेलियाई दूतावास इस मुश्किल वक्त में टर्नेल को हर संभव मदद कर रहा है। टर्नेल की सहकर्मी मोनिक स्किडमोर ने बताया कि सॉन टर्नेल सू की के करीबी थे इसलिए उन्हें हिरासत में लिया गया है।
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