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January 18, 2021
हांगकांग में लोकतंत्र के समर्थन में खड़े आंदोलन को दबाने के लिए चीन अब ब्रिटेन के ओवरसीज पासपोर्टधारी नागरिकों को हांगकांग में सरकारी पद ग्रहण करने पर लगाने जा रहा है।
इन नागरिकों के सामने ब्रिटिश पासपोर्ट या अपनी नौकरी में से एक विकल्प को चुनने की नौबत आ सकती है। यह पासपोर्ट रखने पर अधिकारियों और नागरिकों का मतदान या चुनाव में खड़े होने का अधिकार भी जा सकता है।
आंदोलन से झुंझलाए चीन का ऐसा करने केे पीछे उद्देश्य है कि हांगकांग के सरकारी अधिकारी उसके आदेश बिना सवाल किए मानें। इन प्रस्तावों को बुधवार से शुरू हो रही राष्ट्रीय पीपल्स कांग्रेस स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में रखा जाएगा।
यह विवाद पिछले वर्ष जून में उठा जब चीन ने राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर हांगकांग में लोगों पर प्रतिबंध लगाने शुरू किए। जवाब में जुलाई में ब्रिटेन ने हांगकांग के पात्र लोगों को विशेष पासपोर्ट देने की घोषणा कर दी।
जी-7 में शामिल अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, फ्रांस, इटली, जापान और ब्रिटेन कोरोना मामले में चीन की मुखर आलोचना कर रहे हैं। दक्षिण चीन सागर मामले में भी चीन से कुछ देशों की तनातनी चल रही है।
सम्मेलन में जिन तीन देशों भारत, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया को अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया गया है, भी चीन के विरोधियों में शामिल है। पूर्वी लद्दाख से जुड़े वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की ओर से पैदा किए गए तनाव के बाद भारत भी अपने इस पड़ोसी देश के खिलाफ मुखर भूमिका में है।
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