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January 1, 2021
आने वाला जो साल है यारो,
मकड़ियों का ही जाल है यारो.
एक लम्हा सुकूं से कट ना सका,
उम्र काटी कमाल है यारो.
बात करते हो जिन फरेबों की,
आप जैसों की चाल है यारो.
हम कहाँ हैं अजीज़ उनके लिए,
अपना रिश्ता तो ढाल है यारो.
जान दूंगा मैं कब तुम्हारे लिए,
कितना उम्दा सवाल है यारो.
जिसकी खुशबु का ज़िक्र करते हो,
ये उसी का ख़याल है यारो.
अब तो हम भी नहीं रहे फिर क्यूँ,
उनका जीना मुहाल है यारो.
सुरेन्द्र चतुर्वेदी
Satyam Diagnostic Centre
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