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December 23, 2020
भारत-अमेरिका के संबंधों के लिए 2020 मील का पत्थर साबित हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इस साल भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों ने व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा दिया। साथ ही महामारी और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के चलते पैदा घरेलू राजनीतिक गतिरोध के बावजूद अपने संबंधों को एक नए मुकाम तक पहुंचाया है।
राष्ट्रपति ट्रंप की फरवरी में हुई ऐतिहासिक भारत यात्रा ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने में उल्लेखनीय योगदान दिया। ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हमारी लोकतांत्रिक नींव और आपसी हितों ने महामारी के आने के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र को स्वतंत्र और खुला बनाए रखने में मदद की है, इससे अमेरिका-भारत साझेदारी को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता कायम रहेगी।
अमेरिका में तीन नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव से पहले दोनों के देशों के बीच दिल्ली में टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय वार्ता हुई। इसमें अमेरिका की ओर से विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर और भारत की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर तथा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हिस्सा लिया। यह वार्ता संबंधों की गहराई और व्यापक्ता के मुद्दों पर चर्चा करने का प्रमुख तंत्र बन गई है।
अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा, वैश्विक महामारी के बीच भारत-अमेरिका संबंध शक्ति का एक स्रोत रहा है। टीका तैयार करने से लेकर हिंद-प्रशांत की सुरक्षा तक दोनों देशों ने 2020 में रणनीतिक साझेदारी को मजबूत बनाने के लिए मिलकर काम किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका-भारत व्यापार परिषद और अमेरिका-भारत रणनीतिक एवं साझेदारी फोरम के जरिये अमेरिका के व्यापार जगत को संबोधित किया। दोनों देशों ने सामरिक ऊर्जा साझेदारी तथा भारत-अमेरिका सीईओ फोरम की बैठकें भी हुईं, जिनका मकसद द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को बढ़ावा देना था।
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