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December 22, 2020
आसमान के रहस्यों में रुचि रखने वालों के लिए इस साल के आखिरी दौर में आज की रात एक बेहतरीन मौका बन रहा है। बृहस्पति और शनि का कंजंक्शन, जिसे आम तौर पर अब क्रिसमस स्टार के नाम से जाना जाता है वह असल में एक विशेष जीवंत गृहों का संयोग है, जिसे 21 दिसंबर की रात से अगले दो सप्ताह तक आसमान में आसानी से देखा जा सकेगा। इस दौरान दोनों गृह आस-पास होंगे।
इसके 13 साल बाद, 1623 में, हमारे सौर मंडल के दो बड़े गृह बृहस्पति और शनि ने आसमान में एक साथ सफर किया। बृहस्पति शनि के साथ आया और फिर उसे पीछे छोड़ दिया। इस घटना को ग्रेट कंजंक्शन के नाम से जाना जाता है। वाशिंगटन में नासा के प्लैनेटरी साइंस डिवीजन के हेनरी थ्रूप कहते हैं, आप सौर मंडल को एक दौड़ के मैदान की तरह मान सकते हैं, जिसमें हर गृह एक धावक है।
थ्रूप ने आगे कहा, अपने लिए सुविधाजनक स्थान से हम बृहस्पति को अंदर की लेन पर देख सकते हैं, जो पूरे महीने का सफर तय करने के बाद शनि गृह के पास पहुंचेगा और अंत में 21 दिसंबर को इससे आगे निकल जाएगा।बता दें कि ये गृह नियमित रूप से सौर मंडल में एक दूसरे को पार करते दिखाई देते हैं जिसमें बृहस्पति और शनि की स्थिति लगभग हर 20 साल में एक बार संरेखित होती है।
उल्लेखनीय है कि साल 1610 में गैलीलियो ने बृहस्पति यानी जूपिटर के चार उपगृहों की खोज की थी। ये उपग्रह थे लो, यूरोपा, गैनीमीड और सेलिस्टो। इसी साल गैलीलियो ने शनि के चारों ओर मौजूद एक विचित्र अंडाकार आकृति का पता लगाया था, जिसे बाद में इसके छल्लों के रूप में जाना गया। इन खोजों ने उस मानसिकता को ही बदल कर रख दिया था कि हम अपने सौर मंडल को कितना जानते हैं।
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