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December 19, 2020
यूरोपीय यूनियन द्वारा डिजिटल कंपनियों पर लगाम लगाने के कानून को बनने से रोकने के लिए अब कंपनियां हर तरह का षड्यंत्र रच रही हैं। गूगल समेत दूसरी बड़ी तकनीकी कंपनियां अपने खिलाफ बन रहे कानूनों को लेकर भयभीत हैं।
इससे जुड़े दस्तावेजों के लीक होने की घटना ने यूरोपीय संघ की राजधानी ब्रुसेल्स को हिलाकर रख दिया है। दरअसल, इन दस्तावेजों से पता चला है कि कंपनियां कानून की अनदेखी करती हैं तो विज्ञापन का बाजार तहस-नहस हो जाएगा।
यूरोपीय संघ तकनीकी कंपनियों पर लगाम कसने के मामले में सबसे आगे हैं। इसी को ध्यान में रखकर इन कंपनियों का पूरा ध्यान ब्रुसेल्स पर टिका है ताकि वह अपने खिलाफ बनने वाले कानून को बनने से ही पहले खत्म कर सकें।नए कानून पर माइक्रोसॉफ्ट के कैस्पर क्लिंग कहते हैं कि यूरोपीय संघ हमारा प्रमुख स्टेक होल्डर है, हम यूरोपीय कानून विद्रोह के साथ पारदर्शी सहभागिता रखना चाहेंगे।
लॉबी कंट्रोल के मैक्स बैंक का कहना है कि नए कानून से तकनीकी कंपनियों को बहुत नुकसान होगा। हालांकि इस कानून को 2022 से पहले अनुमति नहीं मिलेगी और कंपनियों के पास इस कानून को प्रभावित करने के लिए पूरा मौका है।गूगल, अमेजन, एपल और फेसबुक ने अपने खिलाफ बनने वाले कानून में अड़ंगा फंसाने की कोशिशों के मसले पर चुप्पी साध रखी है।
कंपनियां यूरोप में अपने खर्च पहले की तुलना में बहुत अधिक बढ़ा रही है। बेहतरीन कानूनी और सलाहकार कंपनियों से संपर्क साध रही है इसके अलावा दर्जनों विचार को और व्यापार संगठनों को राशि भी दे रही है। विश्वविद्यालय और पूरे महाद्वीप में अपना नेटवर्क फैलाकर अपने पक्ष में लोगों और संस्थाओं को एकत्र कर रही है।
ईयू लॉबिंग की निगरानी करने वाले ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के आंकड़ों के अनुसार, जून 2020 तक गूगल, फेसबुक, अमेजन एपल और माइक्रोसॉफ्ट ने करीब 19 मिलियन यूरो की राशि खर्च की है जो 2019 में खर्च के लिए घोषित राशि जितनी है।अधिकारियों का कहना है कि जो अभी कागजात सामने आए हैं उससे स्पष्ट है कि गूगल और दूसरी अमेरिकी तकनीकी कंपनियां बड़े स्तर पर लॉबिंग करेंगे ताकि उनके खिलाफ सख्त कानून न बन सके।
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