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December 18, 2020
इस्राइल ने अपने नागरिकों के लिए ग्रीन पासपोर्ट जारी करने का एलान किया है, ऐसा करने वाला वह दुनिया का पहला देश होगा। यह पासपोर्ट उन लोगों को जारी किया जाएगा, जिन्हें कोरोना वैक्सीन लग चुकी है। इस्राइली सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है, ताकि वैक्सीन लगवाने वाले अपने नागरिकों को अन्य मुल्कों की यात्रा के दौरान क्वारंटीन और कोरोना के दूसरे प्रतिबंधों से छूट मिल सके।
इस्राइली मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ग्रीन पासपोर्ट धारकों को सांस्कृतिक कार्यक्रमों और रेस्तरां में खाने संबंधी उन सभी चीजों की इजाजत होगी, जिन पर वैक्सीन नहीं लगने के कारण रोक लगी हुई थी। इस पासपोर्ट को लेने के लिए व्यक्ति को वैक्सीन की दोनों खुराकों का लगवाना अनिवार्य होगा।
ऐसे में सरकार ग्रीन पासपोर्ट के जरिए दिए जा रहे छूट के माध्यम से अपने नागरिकों को वैक्सीन लगवाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती है। इस्राइल में अगले सप्ताह से बड़े स्तर पर टीकाकरण प्रोग्राम की शुरुआत की जाएगी।
दरअसल, सरकार के इस कदम के पीछे की मंशा कुछ और है। हाल ही में हुए सर्वे में पता चला कि 50 से 75 फीसदी इस्राइली नागरिक कोरोना वायरस की वैक्सीन को नहीं लगवाना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें इस बात का डर है कि वैक्सीन को तैयार करने में की गई जल्दबाजी कहीं उनकी जान का खतरा बन जाए।
देश के स्वास्थ्य मंत्री यूली एडलस्टीन ने चैनल 13 से बातचीत में कहा, ग्रीन पासपोर्ट की मदद से बिना वायरस का टेस्ट करवाए यात्री विदेश यात्रा कर सकेंगे। गौरतलब है कि अधिकतर देशों में फिलहाल हवाईअड्डों पर ही वायरस का टेस्ट किया जा रहा है।
इस्राइल के हेल्थ डायरेक्टर चीजे लेवी ने बताया कि ग्रीन पासपोर्टधारी सभी तरह के इवेंट में हिस्सा ले सकेंगे और दुनिया में कहीं भी सफर कर सकेंगे। पासपोर्ट बताएगा कि धारक ने वैक्सीन ले लिया है और अब उससे किसी को खतरा नहीं है।
एडलस्टीन ने जोर देकर कहा कि टीकाकरण करवाने वाले लोगों को लाभ पैकेज प्रदान करने का विचार नहीं है, लेकिन जिन लोगों को वैक्सीन लगने के बाद कोविड-19 का खतरा नहीं होगा, वे ऐसे काम कर सकते हैं, जो फिलहाल अन्य लोग नहीं कर पा रहे हैं।
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