Post Views 741
December 17, 2020
थ्री-डी प्रिंटर का इस्तेमाल करते हैं तो अब सतर्क होने का वक्त आ गया है। एक अध्ययन में पता चला है कि प्लास्टिक के सूक्ष्म कण जो कैंसर का कारक हैं तो थ्री-डी प्रिंटर से निकलते हैं। ये कण नौ साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बहुत अधिक घातक हैं।
शोध के अनुसार हाई-टेक प्रिंटिंग मशीनों के चलने से निकलने वाले सूक्ष्म कण सीधे सांस के जरिए फेफड़ों के भीतर तक पहुंच जाते हैं जिस कारण मानव कोशिकाओं को नुकसान होता है।
अमेरिका के पर्यावरण संरक्षण संस्था (ईपीए) के विशेषज्ञ पीटर बायर्ले का कहना है कि आज की तारीख में थ्री-डी प्रिंटर से होने वाले नुकसान के बारे में लोगों को बहुत कम जानकारी है। बच्चों की सेहत को ध्यान में रखकर जागरूकता की जरूरत है ताकि भविष्य को खराब होने से बचाया जा सके।
अमेरिकी वैज्ञानिकों का कहना है कि जब कोई थ्री-डी प्रिंटर से प्रिंट देता है तो कई तरह के सूक्ष्म कण और केमिकल आसपास के वातावरण में निकलते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि स्कूल और लाइब्रेरी में इस प्रिंटर का प्रयोग बड़े पैमाने पर होता है जिससे बच्चों को खतरा बढ़ गया है।
© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved