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November 23, 2020
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यकाल में अमेरिका और भारत के रिश्ते मजबूत होंगे। विदेश नीति की एक विशेषज्ञ ने कहा कि आगामी बाइडन प्रशासन भारत के साथ और अधिक सोच विचार वाली साझेदारी रखेगा। उसे क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने के लिए भारत के साथ काम करने का अवसर मिलेगा।
तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा प्रशासन में वरिष्ठ नीति सलाहकार रहीं सोहिनी चटर्जी ने कहा, कुछ मामलों में दोनों प्रशासनों में थोड़ी बहुत अनुरूपता होगी, क्योंकि मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और बाइडन दोनों का ही यह मानना है कि भारत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है। ट्रंप के भारत के साथ संबंध कम समय और प्रतिक्रियात्मक रहे हैं।
वहीं, बाइडन प्रशासन के साथ संबंध बिना किसी जल्दबाजी के और अधिक सोच विचार वाले रहने की उम्मीद है। मेरा विचार है कि क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने के लिहाज से निश्चित ही भारत के साथ मिलकर काम करने का मौका और एक ऐसा संवाद कायम करने का अवसर होगा, जिसकी आवश्यकता है। इतना ही नहीं, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ वाली क्वाड साझेदारी भी जारी रहेगी।
पेरिस समझौते में होगी वापसी
कोलंबिया यूनिवर्सिटी में फैकल्टी सदस्य चटर्जी ने कहा, बाइडन प्रशासन के लिए मानवाधिकार का विषय एक आवश्यक मुद्दा होगा और बुनियादी व मूलभूत मानवाधिकारों को लेकर अधिक संवेदनशील होगा। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समेत बहुपक्षीय संस्थानों में भारत और अमेरिका के बीच और अधिक सहयोग होगा। बाइडन की योजना पेरिस जलवायु समझौते में शामिल होने की है।
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