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November 21, 2020
वर्षों से युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में जब भी महिलाओं का जिक्र होता है तो उनकी दयनीय स्थिति आंखों के आगे नजर आती है, लेकिन इन दिनों देश में एक ऐसी महिला नौकरशाह की चर्चा हो रही है, जो अपने प्रयासों से इस मुल्क में तालिबानी आतंकियों को अमन के रास्ते पर लाने की कोशिशें कर रही हैं। इस महिला नौकरशाह का नाम है, सलीमा मजारी। सलीमा की कोशिशों का ही नतीजा है कि बीते अक्तूबर से अब तक कुल 125 तालिबानी आतंकियों ने हथियार डालकर शांति का रास्ता चुना है। यूएई के अखबार द नेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, सलीमा को देश में अमन लाने के काम में पुलिस और दूसरे सुरक्षाबलों का भी समर्थन मिल रहा है।
ईरान में जन्मी, नौकरी छोड़कर लौटीं अफगानिस्तान
सलीमा ने कहा कि वह अफगानिस्तान में शांति लाना चाहती हैं, इसके लिए वह हर संभव प्रयास करेंगी। सलीमा (39) का जन्म अफगान शरणार्थी के रूप में ईरान में हुआ। उनकी परवरिश ईरान में ही हुई, लेकिन उन्होंने सोचा कि वह अपनी बाकी की जिंदगी एक शरणार्थी के तौर पर नहीं काटना चाहती हैं। उन्होंने कहा, मैंने यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी की। मुझे ईरान में नौकरी भी मिल गई, फिर मैंने नौ साल पहले पति और बच्चों के साथ अफगानिस्तान लौटने का फैसला किया, क्योंकि मैं अपने मुल्क में अमन लाना चाहती थी।
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर हैं सलीमा
सलीमा ने बताया कि उन्हें मैनेजमेंट का अच्छा अनुभव है, जिसकी बदौलत वह सिविल सर्विस के जरिए इस पद तक पहुंची। फिलहाल उनकी तैनाती उनके जिले चारकिंत में हुई है। सलीमा यहां पर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर (कलेक्टर) के तौर पर तैनात हैं। उनकी सुरक्षा के लिए दो अंगरक्षक हमेशा तैनात रहते हैं। सलीमा ने कहा, इससे पहले मैंने बंदूकों को इतने करीब से कभी नहीं देखा था, लेकिन अब गोलियों की आवाज सुनने की आदत सी पड़ गई है। मैं स्थानीय लोगों और सुरक्षाबलों के बीच समन्वय स्थापित करना चाहती हूं। अफगानिस्तान में भ्रष्टाचार बहुत ज्यादा है, इसलिए काम करना बेहद कठिन होता है
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