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November 21, 2020
पाकिस्तान के पंजाब में 17 वर्षीय मुस्लिम किशोर ने शुक्रवार को अल्पसंख्यक अहमदिया समुदाय के एक डॉक्टर की महज इसलिए गोली मारकर हत्या कर दी, क्योंकि उसे डॉक्टर के विचार अपने धर्म के विपरीत लग रहे थे। किशोर ने डॉक्टर के पिता और दो चाचाओं को भी गोली मारकर घायल कर दिया।
धार्मिक मतभेद के चलते नाराजगी में मारी गोली, तीन अन्य किए घायल
पुलिस के मुताबिक, घटना शुक्रवार को लाहौर से 80 किलोमीटर दूर ननकाना साहिब के मुर्ह बलोचन में तब हुई, जब अहमदी परिवार के सदस्य नमाज पढ़ने के बाद अपने घर वापस लौटे थे। इसी दौरान वहां बंदूक लेकर पहुंचे किशोर ने उनके ऊपर अंधाधुंध फायरिंग कर दी।
पुलिस ने कहा, फायरिंग में 31 वर्षीय डॉक्टर ताहिर अहमद की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसके पिता तारिक अहमद और दो चाचा गोली लगने से घायल हो गए। ताहिर ने रूस से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी और डॉक्टरी की प्रैक्टिस कर रहा था।
पुलिस ने बताया कि 17 वर्षीय हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया है। पड़ोस में ही रहने वाला किशोर अहमदिया समुदाय के खिलाफ कट्टरपंथी विचारों से प्रभावित था। उसने पूछताछ के दौरान हमले के लिए आपसी धार्मिक मतभेद को कारण बताया है। अहमदिया समुदाय के प्रवक्ता सलीम-उद-दीन ने इस हमले की कड़ी निंदा की और आरोप लगाया कि पाकिस्तान में अहमदिया विरोधी अभियान की लहर चल रही है।
बता दें कि अहमदिया पंथ के समर्थक खुद को इस्लाम को ही एक हिस्सा मानते हैं। इस पंथ की शुरुआत 19वीं सदी में भारतीय उपमहाद्वीप में ही मिर्जा गुलाम अहमद ने की थी। लेकिन पाकिस्तान की संसद ने 1974 में अहमदिया समुदाय को गैर मुस्लिम घोषित कर दिया था। इसके बाद से ही अहमदिया समुदाय इस मुस्लिम बाहुल्य देश में लगातार इस्लामी चरमपंथियों के हमलों का निशाना बनता रहा है।
पाकिस्तान में सुरक्षित नहीं अल्पसंख्यक अहमदिया
- पिछले महीने पेशावर में एक अहमदिया प्रोफेसर की गोली मारकर हत्या कर दी गई
- जुलाई में अमेरिकी नागरिक ताहिर नसीम की पेशावर की अदालत में एक किशोर ने हत्या कर दी
- पेशावर के ही गुलबहार क्षेत्र में 12 अगस्त को अहमदिया व्यापारी मेराज अहमद की हत्या की गई
- 10 सितंबर को पेशावर के फांडू क्षेत्र में एक अहमदिया परिवार के घर पर भीड़ ने हमला बोला, पुलिस ने बचाया, परिवार के ही एक सदस्य को ईशनिंदा के आरोप में जेल भेजा।
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