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November 20, 2020
अमेरिकी टेक कंपनी एपल पर 2017 में एक अपडेट के जरिये पुराने आईफोन की गति धीमी (स्लो) करने का मुकदमा चला और इसके सेटलमेंट के लिए कंपनी को अब 11.3 करोड़ डॉलर का जुर्माना देना पड़ेगा। एपल ने घोषणा की है कि बैटरीगेट मामले के लिए वह जुर्माना देगी। इस मामले की जांच अमेरिका के 34 राज्यों ने संयुक्त रूप से की।
दरअसल, 2017 में एपल ने एक ऐसा अपडेट जारी किया था जिसके चलते कंपनी के पुराने सभी आईफोन स्लो हो गए। कंपनी ने इसकी जानकारी यूजर्स को पहले से नहीं दी थी। जब लोगों ने इसकी शिकायत की तो कंपनी ने अपनी सफाई में कहा कि फोन में परेशानी न आए और बैटरी के चलते फोन बंद नहीं हों, इसलिए कंपनी ने ऐसा किया है।
कंपनी की यह दलील लोगों को रास नहीं आई और अमेरिका के लगभग 34 राज्यों ने एपल के खिलाफ जांच शुरू करने और कोर्ट जाने का फैसला किया। कंपनी पर आरोप लगे कि वह पुराने आईफोन को स्लो करके लोगों को नए और महंगे आईफोन खरीदने के लिए मजबूर कर रही है। इस अपडेट से आईफोन-6, आईफोन-6 एस व 6 एस प्लस, आईफोन-7, आईफोन-7 एस व 7 एस प्लस तथा आईफोन एसई प्रभावित हुए थे।
हर अमेरिकी ग्राहक को 25 डॉलर
अमेरिकी कोर्ट ने इस अपडेट से प्रभावित सभी अमेरिकी ग्राहकों को एपल से 25 डॉलर देने को कहा है। एपल ने भले ही जुर्माना अदा करने के लिए राजी हो गया है लेकिन कंपनी ने यह मानने से इनकार किया कि उनसे गलती हुई है। हालांकि कंपनी ने माना कि अपडेट के जरिए पुराने आईफोन स्लो किए गए, लेकिन यह भी कहा कि ऐसा बैटरी सुरक्षित रखने के लिए किया गया।
लोगों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध
अमेरिका में एरिजोना राज्ये के अटॉर्नी जर्नल मार्क बर्नोविक ने कहा कि, बड़ी कंपनियों को ग्राहकों के साथ ऐसा नहीं करना चाहिए और अपने उत्पादों के बारे में उन्हें पूरी जानकारी देनी चाहिए। बड़ी कंपनियां अगर अपने ग्राहकों से सच्चाई छिपाती हैं, तो ऐसे में मैं कंपनियों को उनके कारनामों पर लोगों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हूं।
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