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November 16, 2020
ब्रिटेन में रह रही एक बुजुर्ग सिख विधवा को जबरन भारत डिपोर्ट न करने के उसके अधिकार के समर्थन में शुरू की गई एक ऑनलाइन याचिका पर अब तक 62 हजार से अधिक लोग हस्ताक्षर कर चुके हैं। उक्त महिला 10 साल से अधिक समय से इंग्लैंड में रह रही है।
75 वर्षीय गुरमीत कौर सहोता साल 2009 में इंग्लैंड आई थीं। तब से ही वेस्ट मिडलैंड्स में स्मेथविक उनका घर रहा है। कानूनी रूप से एक गैर दस्तावेजी प्रवासी गुरमीत कौर को इंग्लैंड के वीजा एवं आव्रजन नियमों के अनुसार भारत वापस जाना पड़ सकता है।
हालांकि, गुरमीत कौर सहोता को स्मेथविक में स्थानीय लोगों की ओर से जबरदस्त समर्थन मिला है। गुरमीत कौर सहोता का कहना है कि उन्हें जबरन भारत भेजा जा सकता है जबकि वह इतने समय से यहां रह रही हैं और अब भारत में उनका कोई परिवार भी नहीं है।
गुरमीत कौर का न तो इंग्लैंड में कोई परिवार है और न ही पंजाब में कोई परिवार है जहां वह वापस लौट सकें। इसलिए, स्मेथविक के स्थानीय सिख समुदाय ने उन्हें गोद ले लिया था। गुरमीत ने यहां रुकने की अनुमति के लिए आवेदन किया था, जिसे खारिज कर दिया गया था।
सहोता ने एक दुभाषिए के जरिए ‘बर्मिंघम लाइव’ से बातचीत करते हुए कहा कि अगर उन्हें भारत वापस जाना पड़ा तो उनके लिए वहां कोई जगह नहीं है क्योंकि वहां उनका कोई परिवार नहीं है। मैं वहां वापस जाकर अकेले रहने पर अकेलापन और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर को लेकर भयभीत हूं।
सहोता का कहना है कि स्मेथविक मेरा असली घर है, यह वह स्थान है जहां मैं समुदाय के लिए काम करती हूं। यह वह स्थान है जिसे मैं जानती हूं और जहां के लोगों को प्यार करती हूं और वे लोग मेरे परिवार के सदस्य बन गए हैं।
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