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November 15, 2020
हर बच्चे के लिए बचपन से ही पौष्टिक आहार लेना बेहद जरूरी है, ऐसा करने से बच्चे की मानसिक और शारीरिक तौर पर वृद्धि अच्छी होती है और बच्चे का विकास तेजी से होता है। अगर बच्चा कमजोर खान-पान करता है तो इससे उसके मानसिक और शारीरिक वृद्धि पर गहरा असर पड़ता है।
मेडिकल जर्नल लैंसेट की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अगर बच्चे को पौष्टिक आहार नहीं मिलता है तो उनकी लंबाई पर 20 सेंटीमीटर यानि कि करीब आठ इंच तक असर पड़ सकता है। यह किसी भी क्षेत्र या देश के बच्चों पर लागू हो सकता है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अगर बच्चा पौष्टिक आहार नहीं लेगा तो उसकी लंबाई पर भी इसका असर पड़ेगा।
रिसर्च में पाया गया है कि किसी इलाके में खास उम्र के बच्चों की औसत लंबाई के हिसाब यह पता लगाया जा सकता है कि एक लंबी समय अवधि में वहां भोजन की गुणवत्ता कैसी रही। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बच्चों की लंबाई और वजन में जेनेटिक्स की अहम भूमिका रहती है।
हालांकि जब बात पूरे क्षेत्र के बच्चों या आबादी की हो तो ऐसे में पोषण और पर्यावरण दोनों अहम भूमिका निभाते हैं। रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि साल 2019 में 19 साल की उम्र के लड़कों में सबसे ज्यादा औसतन लंबाई नीदरलैंड्स में रही है। नीदरलैंड्स में इस आयुवर्ग के लड़कों की औसतन लंबाई 183.8 सेंटीमीटर यानि कि करीब छह फीट थी।
इसके उल्ट सबसे कम औसत लंबाई तिमोर में थी, जो कि 160.1 सेंटीमीटर यानि कि पांच फीट तीन इंच थी। रिपोर्ट में बताया गया कि रिसर्च के लिए पांच से 19 साल तक के 6.5 करोड़ बच्चों के डाटा का विश्लेषण किया गया था। यह डाटा 1985 से 2019 तक किए गए 2,000 से ज्यादा स्टडी से लिए गए हैं।
रिपोर्ट में पाया गया है कि सबसे ज्यादा औसत लंबाई उत्तर-पश्चिमी और सेंट्रल यूरोप के देशों में है। सबसे कम औसत लंबाई दक्षिण, दक्षिण पूर्व एशिया, लैटिन अमेरिका और पूर्वी अफ्रीका में है। रिपोर्ट में जानकारी दी गई कि ग्वाटेमाला, बांग्लादेश, नेपाल और तिमोर में 19 साल की लड़कियों की औसत लंबाई नीदरलैंड्स की 11 साल की लड़कियों की औसत लंबाई (पांच फीट) के बराबर है।
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