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November 10, 2020
पाकिस्तान में सोमवार को सिंधुदेश स्वतंत्रता आंदोलन के बैनर तले सैकड़ों सिंधी कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और सिंध पर पाकिस्तान के अवैध कब्जे का विरोध किया। रिपोर्ट के मुताबिक, सिंधी कार्यकर्ताओं ने हाथों में सिंधुदेश हमारी मातृभूमि लिखे बैनर लिए हुए थे और पाकिस्तान से आजादी के नारे लगा रहे थे।
लोगों ने उन सिंधी कार्यकर्ताओं और नेताओं की तस्वीरें भी हाथ में ली हुईं थी, जिनका पाकिस्तानी सेना व पुलिस द्वारा अपहरण कर दिया गया या जान से मार दिया गया है। सिंधी राष्ट्रवादी पार्टी जिये सिंध मुताहिदा महज के अध्यक्ष शफी बर्फात ने कहा, सिंध पंजाब साम्राज्यवाद का एक उपनिवेश है और इसके अत्याचारों का शिकार भी। पंजाब हमारे समुद्र, नदियों, राष्ट्रीय संपदा, जमीन, तेल, गैस, कोयला, बंदरगाहों और समुद्री द्वीपों सहित हमारे प्राकृतिक व खनिज संसाधनों का लगातार दोहन करता रहा है।
1971 में बांग्लादेश के अलग होने के बाद पाकिस्तान के अस्तित्व का कोई राजनीतिक, आर्थिक, नैतिक और ऐतिहासिक आधार नहीं है। जबकि पाकिस्तान का संविधान सिंध को अपने प्रांत के रूप में मान्यता देता है, लेकिन क्षेत्र में दशकों से सरकार द्वारा प्रायोजित अत्याचार हो रहे हैं। हिंदुओं, ईसाइयों, अहमदियों और अन्य अल्पसंख्यकों के घर यहां सुरक्षित नहीं हैं। यह क्षेत्र लगभग हर दिन अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपराध, जबरन धर्मांतरण और जबरन विवाह के मामले झेलता है। कट्टरवाद के खिलाफ किसी भी विरोध को पुलिस द्वारा कुचल दिया जाता है और सिंधी कार्यकर्ताओं को आतंकवादी करार दे दिया जाता है।
जबरन शादी मामले में ईसाई लड़की को आश्रय गृह भेजा
हाईकोर्ट ने सोमवार को उस नाबालिग ईसाई लड़की को आश्रय गृह भेजने का फैसला दिया, जिसका हाल में जबरन धर्मांतरण कर एक मुस्लिम व्यक्ति से शादी कर दी गई थी। बता दें कि 13 साल की लड़की 13 अक्तूबर से कराची से लापता थी और बाद में पता चला था कि उसकी 45 साल के मुस्लिम शख्स सैयद अली अजहर से शादी कर दी गई है। मामला सामने आने के बाद देशभर में इसके खिलाफ प्रदर्शन हुए थे।
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