For News (24x7) : 9829070307
RNI NO : RAJBIL/2013/50688
Visitors - 112992186
Horizon Hind facebook Horizon Hind Twitter Horizon Hind Youtube Horizon Hind Instagram Horizon Hind Linkedin
Breaking News
Ajmer Breaking News: टेलीविजन और बॉलीवुड एक्टर फैजल खान पहुंचे दरगाह, अकीदत की चादर और फूल पेश कर अमन चैन के साथ तरक्की की मांगी दुआ |  Ajmer Breaking News: अजमेर क्लॉक टॉवर थाना अंतर्गत नशे की तस्करी के नए तरीके का भंडाफोड़  |  Ajmer Breaking News: हरिभाऊ उपाध्याय नगर थाना अंतर्गत प्रॉपर्टी डीलर मनोज नानकानी पर जानलेवा हमला करने के आरोप में फरार चल रहे 2 आरोपी ओर गिरफ्तार, पूर्व में 12 आरोपी भेजे जा चुके हैं जेल |  Ajmer Breaking News: किशनगढ़ से आए कालबेलिया घुमंतू जाति के लोगों ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम सोपे ज्ञापन, |  Ajmer Breaking News: अजमेर के निजी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों ने अपने सहपाठी छात्र के साथ मारपीट ओर अश्लील हरकतें करने के साथ बनाया वीडियो |  Ajmer Breaking News: ग्राम खोडा-बुबानी में लगभग 250-300 बीघा में अवेध खनन को बन्द करवाने और भू-खनन माफियों पर उचित कार्यवाही करने की मांग अवेध तरीके से डम्पर चालको की दादागिरी से परेशान ग्रामीण में भारी आक्रोश  |  Ajmer Breaking News: सिंधी समाज चलाएगा मुहिंजो नालो कित्थे आहे के नाम से सिंधी वोटर जागृति अभियान 2025   सभी सिंधी भाइयों से इस अभियान में जुड़ने की अपील  |  Ajmer Breaking News: बिहार चुनाव के चौंकाने वाले नतीजे सवालों के घेरे में = राठौड़, केंद्र सरकार व चुनाव आयोग पर लगाए बड़े संगीन आरोप |  Ajmer Breaking News: रेलों के संरक्षित संचालन के लिए रनिंग कर्मचारियों में असंतोष उचित नहीं है |  Ajmer Breaking News: टाटा पावर अजमेर प्रबंधन की टीम विजय ने विदेशी धरती पर फहराया गोल्ड मेडल अवॉर्ड्स की जीत का तिरंगा, इंटरनेशनल कॉन्सेप्ट ऑफ क्वॉलिटी सर्किल ताईवान में जीता गोल्ड मेडल अवॉर्ड्स | 

विशेष: नरक चौदस या नर्क चतुर्दशी की कथा , महत्व एवं पूजन विधि

Post Views 11

October 30, 2020

नरक चतुर्दशी को छोटी दीपावली भी कहते हैं।

 नरक चौदस 


यह त्यौहार नरक चौदस या नर्क चतुर्दशी या नर्का पूजा के नाम से भी प्रसिद्ध है। मान्यता है कि कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के दिन प्रातःकाल तेल लगाकर अपामार्ग (चिचड़ी) की पत्तियाँ जल में डालकर स्नान करने से नरक से मुक्ति मिलती है। विधि-विधान से पूजा करने वाले व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो स्वर्ग को प्राप्त करते हैं।

शाम को दीपदान की प्रथा है जिसे यमराज के लिए किया जाता है। दीपावली को एक दिन का पर्व कहना न्योचित नहीं होगा। इस पर्व का जो महत्व और महात्मय है उस दृष्टि से भी यह काफी महत्वपूर्ण पर्व व हिन्दुओं का त्यौहार है। यह पांच पर्वों की श्रृंखला के मध्य में रहने वाला त्यौहार है जैसे मंत्री समुदाय के बीच राजा। दीपावली से दो दिन पहले धनतेरस फिर नरक चतुर्दशी या छोटी दीपावली फिर दीपावली और गोधन पूजा, भाईदूज।


नरक चतुर्दशी को छोटी दीपावली भी कहते हैं। इसे छोटी दीपावली इसलिए कहा जाता है क्योंकि दीपावली से एक दिन पहले, रात के वक्त उसी प्रकार दीए की रोशनी से रात के तिमिर को प्रकाश पुंज से दूर भगा दिया जाता है जैसे दीपावली की रात को। इस रात दीए जलाने की प्रथा के संदर्भ में कई पौराणिक कथाएं और लोकमान्यताएं हैं।

नरक चतुर्दशी की  कथा

  रन्ति देव नामक एक पुण्यात्मा और धर्मात्मा राजा थे। उन्होंने अनजाने में भी कोई पाप नहीं किया था लेकिन जब मृत्यु का समय आया तो उनके सामने यमदूत आ खड़े हुए। यमदूत को सामने देख राजा अचंभित हुए और बोले मैंने तो कभी कोई पाप कर्म नहीं किया फिर आप लोग मुझे लेने क्यों आए हो क्योंकि आपके यहां आने का मतलब है कि मुझे नर्क जाना होगा। आप मुझ पर कृपा करें और बताएं कि मेरे किस अपराध के कारण मुझे नरक जाना पड़ रहा है। पुण्यात्मा राजा की अनुनय भरी वाणी सुनकर यमदूत ने कहा हे राजन् एक बार आपके द्वार से एक भूखा ब्राह्मण लौट गया यह उसी पापकर्म का फल है।

दूतों की इस प्रकार कहने पर राजा ने यमदूतों से कहा कि मैं आपसे विनती करता हूं कि मुझे वर्ष का और समय दे दे। यमदूतों ने राजा को एक वर्ष की मोहलत दे दी। राजा अपनी परेशानी लेकर ऋषियों के पास पहुंचा और उन्हें सब वृतान्त कहकर उनसे पूछा कि कृपया इस पाप से मुक्ति का क्या उपाय है। ऋषि बोले हे राजन् आप कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी का व्रत करें और ब्रह्मणों को भोजन करवा कर उनसे अनके प्रति हुए अपने अपराधों के लिए क्षमा याचना करें।

राजा ने वैसा ही किया जैसा ऋषियों ने उन्हें बताया। इस प्रकार राजा पाप मुक्त हुए और उन्हें विष्णु लोक में स्थान प्राप्त हुआ। उस दिन से पाप और नर्क से मुक्ति हेतु भूलोक में कार्तिक चतुर्दशी के दिन का व्रत प्रचलित है। इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर तेल लगाकर और पानी में चिरचिरी के पत्ते डालकर उससे स्नान करने का बड़ा महात्मय है। स्नान के पश्चात विष्णु मंदिर और कृष्ण मंदिर में भगवान का दर्शन करना अत्यंत पुण्यदायक कहा गया है। इससे पाप कटता है और रूप सौन्दर्य की प्राप्ति होती है।

ऐसी मान्यता है कि सभी प्रकार के नरक से मुक्त कराने का कार्य यम करते हैं। इसलिए, नरक चतुर्दशी की रात को यम के नाम का दीया जलाया जाता है। साथ ही घर से निकाल कर एक दीए को कूड़े के ढेर पर भी रखा जाता है। कूड़े के ढेर पर दीया रखने से आशय घर से गंदगी को हटाना है।




© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved