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October 15, 2020
राहुल गांधी का नाम सबसे पहले पप्पू रखने वाले चुटकले बाज़ की पत्नी बनी काँग्रेस कोटे से आर पी एस सी की सदस्य
कुमार विश्वास बनाम अविश्वास ने अपने सगे भाई को भाजपा कोटे से बिहार में बनाया था कुलपति
राहुल गाँधी के ख़िलाफ़ अमेठी से चुनाव लड़ने वाले नेता की पत्नी को गहलोत ने क्यों दिया इतना पवित्र पद
सुरेन्द्र चतुर्वेदी
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के होते हुए घटिया भाजपाई मानसिकता के चुटकुले बाज़ों को सम्मान दिया जा रहा है, जिन्होंने कांग्रेस की लुटिया डुबोने में कोई कमी नहीं रखी। जी हां मेरी मुराद उस नामुराद कवि कुमार विश्वास से है जिसे दुनिया कुमार अविश्वास ही कहती है। उसी की पत्नी मंजू शर्मा को हाल ही में अप्रत्याशित रूप से राजस्थान लोक सेवा आयोग का सदस्य बना कर अनुग्रहित किया गया है ।
काँग्रेस और राहुल गाँधी को लेकर बहुत टुच्चे वक्तव्य देने वाला कुमार विश्वास वही शख्स है जिसने गहलोत के सम्माननीय राहुल गांधी का नाम सबसे पहले पप्पू रखा था। जी हाँ, कुमार विश्वास ही पहला व्यक्ति था जिसने अपने भाषणों और ट्विटर पर सबसे पहले राहुल गांधी को पप्पू कहा था । उनके विरुद्ध अमेठी से चुनाव भी लड़ा था।
कुमार विश्वास शुरू से ही कांग्रेसी विरोधी रहे । मूलतया भाजपा मानसिकता के कुमार विश्वास मंचों पर सिर्फ और सिर्फ चुटकुले ,लतीफ़े और जुमलों से कांग्रेस की हंसी उड़ा कर तालियां बटोरने वाले रहे। अब उनकी पत्नी को महज इसलिए अशोक गहलोत ने आर पी एस सी जैसी पवित्र जगह का पुजारी बना दिया है कि वह जाती से माली है। जाति से गहलोत भी माली हैं। उन्होंने यह नहीं सोचा कि वे अब माली नहीं शर्मा हो गई हैं।
कमाल की बात है कि राजस्थान के वे कर्मठ कांग्रेसी कार्यकर्ता और नेता जिन राजनीतिक नियुक्तियों का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे उन्हें कांग्रेस विरोधी चरित्र वाले लोगों को देकर नवाज़ा जा रहा है।
कुमार विश्वास को मैं व्यक्तिगत रूप से जानता हूं ।कवि होने के नाते मैं उन्हें छिछोरा कवि मानता रहा हूँ। देश के अन्य कवि भी उनको छिछोरा ही मानते हैं। आप चाहें तो देश के हास्य व्यंग्य के पुरोधा कवि रास बिहारी गौड़ भी मेरी बात की तस्दीक कर सकते हैं
युवा काल में हमने एक साथ खूब कवि सम्मेलन पढ़े। जब वे शाहपुरा में प्राध्यापक थे तब उनका दिल मंजू टांक पर आ गया। मंजू टांक अजमेर की रहने वाली हैं और मेरे पिताजी के मित्र पूनमचंद की पुत्री हैं। मेरे पिताजी पुलिस अधिकारी थे और पूनम टांक का घर उनके थाना क्षेत्र में ही आता था। थाने के आगे ही टी टी कॉलेज़ के सामने मंजू रहा करती थी। उनके पिता का फर्नीचर बनाने का काम भी था ।
कुमार विश्वास के बारे में जो कुछ मैं कह रहा हूँ , अजमेर भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्णा शंकर दशोरा उसकी तसदीक़ कर सकते हैं। कुमार विश्वास उनके भी कभी इतने खास हुआ करते थे कि वे उनकी रसोई तक अपनी पहुंच रखते थे।
कुमार विश्वास उन दिनों मंजू के इश्क में बावले हो रखे थे । उन दिनों उनका मुझ से भी गहरा रिश्ता था। वह मेरे घर आया जाया करते थे ।ठहरा करते थे ।मंजू के पिता पूनम जी क्योंकि मेरे पिता के दोस्त थे इसलिए मैं उन्हें चाचा जी कहा करता था और उनके यहां मेरा आना जाना था ।कुमार विश्वास क्यों कि उनकी पुत्री के प्यार में थे इसलिए उनसे मिलने का बहाना होकर ही गुज़रता था ।उन दिनों लव लेटर भी चला करते थे और कुमार विश्वास ने उन पर विशेष ध्यान दे रखा था।
बाद में कुमार विश्वास ने मंजू को घर से भगाकर विवाह कर लिया। विवाह कर लेने के बाद सबसे ज्यादा संतोष मुझे हुआ ।
कुमार विश्वास एक घमंडी इंसान हैं।पैसा कमाना उनकी लत है। सिर्फ चुटकुले सुनाकर लोगों की तालियां बटोरने वाले कुमार विश्वास ने आम आदमी पार्टी में घुसकर अपनी राजनीति को चमकाया। अन्ना हज़ारे की उँगली पकड़ी(बाद में झिड़क भी दी) । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से दोस्ती बढ़ाई और अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के कारण उनसे भी पंगा ले लिया। और उनसे भी अलग हो गए।
दरअसल कुमार विश्वास किसी के सगे नहीं हुए ,इसीलिए लोग उन्हें कुमार अविश्वास कहते हैं। यह एक आश्चर्य की बात है कि वे अपने पत्नी के अंत तक अपने सिद्ध हुए । बीच में जो कुछ हुआ उसका ज़िक्र मैं यहां करना नहीं चाहता , क्योंकि आपस के मामले मैं अपने ब्लॉग में लिखना उचित नहीं समझता ।
कुमार विश्वास ने अशोक गहलोत को किस तरह विश्वास में लिया मुझे नहीं मालूम मगर भाजपा नेता ओंकार सिंह लखावत के पास कुमार विश्वास की असली जन्मपत्री है, जो गहलोत चाहें तो उनसे प्राप्त कर सकते हैं।
यहां मैं बता दूं कि कुमार विश्वास ने सिर्फ अपनी पत्नी ही नहीं भाई संजीव शर्मा को भी उपकुलपति बनवाया है। संजीव शर्मा उनके सगे भाई हैं जो बिहार में मोतिहारी केंद्रीय विश्वविद्यालय में भाजपा के कोटे से कुलपति हैं।
कमाल की बात यह है कि एक तरफ सगा भाई भाजपा के कोटे में उप कुलपति और दूसरी तरफ पत्नी कांग्रेस के कोटे में आर पी एस सी की मेंबर बनवाई गई है।
राजस्थान के कांग्रेसी अब राहुल गांधी के नाम की हत्या करने वाले ,उन्हें पप्पू कह कर पूरे देश में अपमानित करने वाले चाटुकार कवि की पत्नी को किस तरह सम्मान देंगे मैं नहीं जानता मगर यह उन लोगों के लिए निराशा की बात है जो लंबे समय से आर पी एस सी की तरफ निगाह जमाए बैठे थे ।
प्रशासनिक अधिकारी निरंजन आर्य की पत्नी संगीता आर्य को भी आर पी एस सी का सदस्य बनाया गया है ।इनको भी कांग्रेस में काम करने का कोई अनुभव नहीं मगर इतना ज़रूर है कि उन्होंने 2013 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जरूर लड़ा था और वे बुरी तरह से पराजित हो गई थीं।अजमेर की सांसद रहीं डॉ प्रभा ठाकुर से उनके पारिवारिक संबंध हैं।
आर पी एस सी का तीसरा सदस्य जसवंत राठी को बनाया गया है। काश इनकी जगह भी राजस्थान के किसी कांग्रेसी को लिया जाता ये हरियाणा के रहने वाले हैं और इनका राजस्थान की कांग्रेसी राजनीति से कोई लेना-देना नहीं।हाँ इतना ज़रूर है कि राजस्थान के कुछ कांग्रेसी नेता इनके मुंह लगे हुए हैं। राजस्थान से निकलने वाले एक दैनिक अखबार की प्रबंधन समिति का भी ये हिस्सा रहे हैं ।बस इसी बात का उन्हें इनाम मिला है।
एक और सदस्य बाबू लाल कटारा को बनाया गया है।वे उदयपुर में सांख्यिकी अधिकारी रहे ।कांग्रेस का इनसे भी दूर-दूर का कोई लेना-देना नहीं। गहलोत के अत्यंत नजदीकी नेता की सिफ़ारिश पर ही इनको ये पद नवाजा गया है।
इससे पहले भी जिला स्तर पर कई ऐसे लोगों को अप्रत्याशित रूप से राजनीतिक नियुक्तियों से नवाज़ा जा चुका है जिनकी कांग्रेसी मानसिकता शंकाओं में है।
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