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September 29, 2020
कलेक्टर बोले लॉक डाउन डाउन नहीं लगेगा: कोरोना ख़ुशी से बल्लियों उछला
हालात बिगड़े तो भी क्या नहीं लगेगा लॉक डाउन
मैराथन दौरों के बाद नेहरू अस्पताल के कोरोना वार्ड बने हैं नर्क, पढ़ लें भास्कर
आरुषि मलिक ले रही हैं सही फ़ैसले
सुरेन्द्र चतुर्वेदी
दोस्तों !! कोरोना जिला कलेक्टर श्री प्रकाश राजपुरोहित जी से बेहद खुश है ।सोशल मीडिया में उसने कहीं पढ़ लिया है कि राजपुरोहित जी ने कहा है कि अजमेर जिले में लॉकडाउन नहीं लगेगा। उनके इस आश्वासन के बाद जिले भर में तेजी से फैल रहा कोरोना अब फूला नहीं समा रहा।
लोगों के हाथ-पांव फूल रहे हैं। सांसें फूल रही हैं।फैफड़े फूल रहे हैं। मगर कोरोना बल्लियों उछल रहा है। उसे यह एतबार हो गया है कि अब जब जिले के मालिक ने ही उसके रास्ते को न रोके जाने की बात कह दी है तो ऊपरवाला मालिक भी अब उसका क्या कर लेगा
जिला कलेक्टर महोदय ने लॉकडाउन न लगाए जाने की बात क्या सोचकर कहीं किस संदर्भ में कहीं कही भी कि नहीं कही⁉️,यह मैं नहीं जानता । सोशल मीडिया पर कल दिनभर इस तरह की पोस्ट जरूर प्रसारित होती रहीं और जिला प्रशासन ने उनका खंडन नहीं किया। इससे जाहिर होता है कि जिला कलेक्टर महोदय ने कुछ सोच विचार करने के बाद ही ऐसा कहा होगा। शायद उन्होंने सोचा होगा कि लॉकडाउन लगाया गया तो लोगों में अफरा-तफरी मच जाएगी ।बाजारों में सामान खरीदने वाले डिस्टेंसिंग तोड़ देंगे। उन्होंने जो कुछ भी सोचा होगा भला ही सोचा होगा ।बहरहाल, कोरोना तो कलेक्टर साहब के इस निर्णय से बहुत खुश है।
पुष्कर विधानसभा क्षेत्र , केकड़ी व अन्य उपखंडों में पंचायतों के चुनाव में डिस्टेंसिंग के नाम पर जो कुछ हुआ सब जानते हैं ।अखबार भरे हुए हैं, ऐसी खबरों से। वहां सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर खिल्ली उड़ाई गई ।जिला प्रशासन के उच्चाधिकारियों के सामने। पुलिस अधिकारियों के सामने। किसी ने कुछ नहीं कहा। जनता सरकार चुन रही थी ।किसकी हिम्मत होती जो उन्हें रोकता।
ये जो नियम कायदे हैं, ये सिर्फ शहरों के लिए हैं।पढ़े लिखे और नौकरी पेशा लोगों के लिए। यातायात विभाग के टारगेट पूरे करने के लिए शहरों के नाकों पर तैनात पुलिसकर्मी जिस तरह छापामारी कर रहे हैं, उनसे मेरा आग्रह है कि वह ज़रा शहर की सीमाओं से निकलकर गांव की तरफ भी रुख करें ।यहां मास्क लगाने वालों की हंसी उड़ाई जाती है ।उन्हें नपुंसक और नकारा कहा जाता है । कायर और डरपोक की संज्ञा दी जाती है।
जिला कलेक्टर श्री प्रकाश राजपुरोहित जी बहुत ऊंचा सोच रखते हैं ।बेहद संवेदनशील हैं। जवाहरलाल नेहरू अस्पताल का हर सप्ताह दौरा करते हैं ।उनके चार बार दोरों के बाद नेहरू अस्पताल का कोरोना वार्ड पूरी तरह चाक चौबंद हो जाना चाहिए था ।पर कुछ नहीं हुआ। उनके आदेशों के पलीता लगा दिया गया ।
मैं रोज़ अपने ब्लॉग में कोरोना वार्ड की हालत बताता रहता हूं। आज दैनिक भास्कर अखबार ने भी बता दिया ।ज़रा देखिए कोरोना वार्ड के हालातों पर की गई जांच पड़ताल को। जिला कलेक्टर महोदय एक बार उस खबर को देखिए कि आपके आदेशों की कितनी और कैसे अनुपालना की जा रही है ।आप कहते हैं लॉक डाउन नहीं लगाया जाएगा और हालात चुनौती दे रहे हैं। यदि यही हाल रहे तो आपको क्या सरकार को भी लॉकडाउन लगाने पर विवश होना पड़ेगा ।
मेरी यह बात शायद आपको बुरी भी लगे ,आप मेरे प्रति बदले की बात भी सोच लें मगर यहां मैं आपको लगे हाथ एक बात और कह दूँ कि संभागीय आयुक्त आरूषी मलिक भी खामोश नहीं बैठी हैं ।वे भी जानती हैं कि अजमेर के हालात बिल्कुल ठीक नहीं । कोरोना यहां सरकारी कोशिशों के ताबे नहीं आ रहा ।जिला प्रशासन की कार्रवाई और फैसले सब बौने साबित हो रहे हैं ,इसलिए वे भी जिला कलेक्टर राजपुरोहित जी के कर्तव्यों को सहयोग प्रदान कर रही हैं ।
कोरोना केवल नेहरू अस्पताल के दौरों से काबू में नहीं आएगा। मैडम मलिक पूरे जिले पर कड़ी नज़र रखे हुए हैं ।उन्होंने जिस तरह मित्तल अस्पताल , क्षेत्रपाल अस्पताल और किशनगढ़ के पाटनी अस्पताल में कोरोना वार्ड तैयार करने के आदेश दिए हैं ,वे बेहद महत्वपूर्ण हैं ।वे जानती हैं कि आने वाले कुछ सप्ताह में कोरोना किस तरह करवट बदलेगा। वे एडवांस में चल रही हैं।ये शुभ संकेत हैं।
यहां मेरा निजी आंकलन है कि यदि कोरोना इसी तरह हावी रहा तो निजी अस्पतालों को पूरी तरह अधिग्रहीत करना पड़ेगा ।आप कहते हैं लॉक डाउन नहीं लगाया जाएगा ,यह कहना कोई मामूली खेल नहीं। कोरोना को रोकने के लिए जब राज्य के अन्य जिलों में लॉकडाउन लगाया जा सकता है तो कहीं भी लगाया जा सकता है ।अजमेर को अलग से नहीं रखा जाना चाहिए। हो सकता है आपको अभी हालात ऐसे महसूस नहीं हो रहे हों मगर होने पर भी नहीं लगाया जाएगा , यह दावा नहीं किया जा सकता। ये कोई शाबाशी वाला दावा नहीं।
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