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September 20, 2020
देर से ही सही फैसला सही लिया गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में बढ़ती हुई कोरोना की रफ्तार रोकने के लिए 11 जिलों में धारा 144 लागू कर 5 से अधिक लोगों को इकट्ठा होने पर रोक लगा दी है ।जयपुर, जोधपुर , कोटा , अजमेर , अलवर, भीलवाड़ा, बीकानेर , उदयपुर, सीकर, पाली और नागौर जिले के मुख्यालय वाले शहरों में यह प्रतिबंध लागू किया गया है। यह आदेश 15 दिन पहले ही आ जाना चाहिए था। जिन जिलों में धारा 144 लागू की गई है उनके अंतरंग शहरों और गांवों का क्या रहेगा अभी खुलासा नहीं हुआ है
मुख्यालय का मतलब तो मुख्य शहर ही होता है जिसके नाम से जिला जाना पहचाना जाता है। अजमेर जिले के मुख्यालय की बात की जाए तो सिर्फ अजमेर शहर में ही धारा 144 लगाई गई है या केकड़ी, ब्यावर, नसीराबाद, किशनगढ़, पुष्कर, मसूदा, बिजयनगर, पीसांगन आदि नगरों में भी इस धारा की पालना की जाएगी। कोरोना का संक्रमण तो यहां भी बेहद खतरनाक हालातों में है ।इन शहरों में भी धारा 144 लगाई जानी चाहिए। मुझे यक़ीन है प्रशासन ऐसा ही करेगा। इधर जिला प्रशासन अजमेर जिले के अस्पतालों की हालत सुधारने की कोशिश कर रहा है। चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा रोज़ अस्पतालों को संसाधनों की सौगात बांट रहे हैं। उधर अस्पतालों में अब तक मूलभूत सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं। मैं विगत कई दिनों से लिख रहा हूँ कि केकड़ी , ब्यावर , नसीराबाद, किशनगढ़, पीसांगन और पुष्कर के सरकारी अस्पताल पशु चिकित्सालय से भी बदतर हालात में हैं लेकिन इस तरफ किसी का ध्यान नहीं जा रहा। नसीराबाद में कल ऑक्सीजन के अभाव में हमारे प्रिय पत्रकार अतुल सेठी ने दुखद हालातों में दम तोड़ दिया। पेट के दर्द की शिक़ायत पर अस्पताल में वे भर्ती हुए ।सांस लेने में तकलीफ हुई। ऑक्सीजन की तत्कालव्यवस्था की जानी चाहिए थी। नहीं हुई और सेठी जिंदगी की लड़ाई हार गए । दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हुआ मैं विनम्रता पूर्वक प्रशासन से यह सवाल पूछना चाहता हूँ कि आखिर कब तक इन सरकारी अस्पतालों को नर्क बना कर रखा जाएग? कब तक पत्रकार या अन्य आमजन जान की बलि देते रहेंगे? कोरोना वार्ड में हर बेड पर ऑक्सीजन का इंतजाम होगा! हर बेड पर कॉल बेल होगी! वीडियो के जरिए परिजन अपने रोगी से बात कर सकेंगे! अंदर के दृश्य बाहर टीवी स्क्रीन पर देखे जा सकेंगे! मरीजों को घर का भोजन दिया जा सकेगा! परिजन सुरक्षा किट्स पहनकर अपने रोगियों से मिल सकेंगे!!! यह सारी खूबसूरत लगने वाली बात जिला कलेक्टर श्री प्रकाश राजपुरोहित कहते आ रहे हैं। उन्होंने चिकित्सा अधिकारियों को इन सब के लिए आदेश भी दिए हैं। उनकी मंशा पर मैं कोई सवाल नहीं उठा रहा ।वे नेक दिल इंसान हैं। वे चाहते हैं कि इस बुरे वक्त में मरीजों को कोई परेशानी न हो ! वे आए रोज़ खुद कोरोना वार्ड पहुंचकर हालातों का जायज़ा ले रहे हैं। अजमेर की जनता उनके इस कृत्य पर आभार ज्ञापित करती है मगर पुरोहित जी!! आपके आदेशों की पालना ही नहीं हो पा रही तो फिर आप के आदेश देने का फायदा क्या?आप की सदाशयता को चिकित्सा विभाग के अधिकारी कमजोरी सिद्ध करने पर तुले हुए हैं। उनकी गर्दन की लम्बाई नापी जानी चाहिए । नसीराबाद में ऑक्सीजन की व्यवस्था क्यों नहीं थी आख़िर कोई तो अधिकारी होगा जिसने जिम्मेदारी का पालन नहीं किया! उसे सज़ा तो दी ही जानी चाहिए!! ऐसे अधिकारी जिन की लापरवाही से मरीजों को जान गंवानी पड़े उन पर आपराधिक मुकदमे दर्ज किए जाने चाहिए । रघु शर्मा जी आप इस जिले के इकलौते मंत्री हैं !! सौभाग्य से चिकित्सा मंत्री भी हैं !! सौभाग्य से संवेदनशील भी हैं!! सौभाग्य से पढ़े लिखे और समझदार राजनेता भी हैं!! सौभाग्य से अधिकारियों से काम लेना भी जानते हैं!! सौभाग्य से आप चाहें तो अस्पतालों की कायापलट भी कर सकते हैं!! फिर आप इस ओर ध्यान क्यों नहीं दे पा रहे आपके होते यदि एक पत्रकार आक्सीजन के अभाव में दिवंगत हो जाता है तो यह अजमेर जिले के लिए शर्म की बात है। इस दिशा में आप को सख्त कदम उठाने चाहिए। पूरा जिला अब आपकी तरफ आस लगाए बैठा है। काल रुठ जाए पर राज नहीं रुकना चाहिए। यदि किसी वजह से आप रूठे हुए हैं तो मान जाइए!! आपको यह बुरा वक्त हमेशा दुआएं देगा!!
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