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August 4, 2020
कोरोना ,काँग्रेस और भाजपा तीनों ही निबटा रहे हैं राजस्थान को
अजमेर में काँग्रेस और भाजपा दोनों के हाल बेहाल_
वसुंधरा की चिंगारी फूटी तो सचिन, गहलोत जैसा ही युद्ध होगा भाजपा में_
सुरेन्द्र चतुर्वेदी
कोरोना की तबाही कोंग्रेस की बेहयाई और भाजपा की कार्रवाई राज्य में जारी है। कोरोना प्रदेश के हर गांव और शहर में लोगों को चुन चुन कर मार रहा है। कांग्रेस सरकार चुन-चुन के ताक़त बटोर रही है और भाजपा चुन-चुन कर वसुंधरा समर्थकों को निपटा रही है।
अजमेर इन सभी फेक्टरों से प्रभावित है। कोरोना ने ज़िले को बुरी तरह अपनी गिरफ्त में ले रखा है। रोज़ आंकड़ों में बढ़ोतरी हो रही है। पॉजिटिव आने वालों की ही नहीं, अब तो मरने वालों की भी संख्या बढ़ रही है।
कांग्रेसी सियासत को देखें तो अजमेर का हाल बुरा है। गहलोत समर्थन का ज़िले में एक ही विधायक है और वह मंत्री पद पर सुशोभित है। डॉ रघु शर्मा इकलौते ऐसे नेता हैं जो गहलोत के साथ हैं। एक और विधायक राकेश पारीक सचिन पायलट के बाड़े में कैद हैं। किशनगढ़ के निर्दलीय विधायक जो कल तक अपने क्षेत्र के विकास के नाम पर अशोक गहलोत से मिलकर काम करवा रहे थे। अब गहलोत के कुछ चिलगोजों की कार्यप्रणाली से नाराज़ होकर भाजपा की तरफ रुख इख्तिहार कर चुके हैं। डॉ श्रीगोपाल बाहेती पूरी ईमानदारी से अशोक गहलोत के साथ थे और हैं तो हेमंत भाटी, भूपेंद्र सिंह राठौर सहित कई नेता सचिन के साथ। बाकी नेताओं का कोई ठिकाना नहीं। कल तक सचिन के साथ नज़र आने वाले विधानसभा प्रत्याशी महेंद्र सिंह रलावता अब गहलोत के साथ नज़र आ रहे हैं। कुल मिलाकर कांग्रेस की ज़िले में हालत पतली है।
इधर भाजपा में अंदरूनी माहौल बेहद ख़राब है। प्रदेश भाजपा में सतीश पूनिया और वसुंधरा राजे के बीच खिंची तलवारें अब ज़िले में भी लहराई जा रही हैं। अजमेर भाजपा में मुख्य रूप से दो नेता सक्रिय रहे हैं। एक पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी और दूसरी अनिता भदेल । इनके बीच शुरू से छत्तीस का ही आंकड़ा रहा मगर बीच में कुछ समय के लिए यह दोनों विधायक भाई बहन के रूप में काफी चर्चित रहे। ख़ास तौर से अनिता भदेल के समर्थक इस बात से नाराज़ रहे कि उन्होंने भाऊ देवनानी के पाले में खेलना क्यों शुरू कर दिया । पर वे नहीं मानी। देवनानी के प्रति उनका बहनत्व बढ़ता ही चला गया।
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