Post Views 1141
July 28, 2020
राजस्थान में स्वविवेक राज्य की स्थापना
हर काम हो रहा है स्वविवेक से
सुरेन्द्र चतुर्वेदी
स्वविवेक यानी अपनी बुद्धि! इन दिनों राजस्थान में इस शब्द का बोलबाला है। सभी को स्वविवेक से गुज़ारा जा रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा को कह दिया है कि वे
स्वविवेक का इस्तेमाल करते हुए कोरोना से लड़ाई जारी रखें। चिकित्सा मंत्री ने राज्य के के सभी जिला कलेक्टरों को स्वविवेक इस्तेमाल करने के निर्देश दिए हैं। अब ज़िला कलेक्टर स्वविवेक से कोरोना प्रभावित इलाकों में लॉक डाउन कर सकते हैं।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वविवेक का इस्तेमाल राज्यों के मुख्यमंत्रियों पर छोड़ दिया था। मोदी जी ने क्या सोचकर स्वविवेक मुख्यमंत्रियों पर छोड़ा मुझे नहीं मालूम मगर अशोक गहलोत ने स्वविवेक का इस्तेमाल करते हुए राज्य को कोरोना के अंतिम छोर पर पहुंचा दिया है। चाईना द्वारा भेजे गए वायरस ने विस्फोटों की लंबी श्रंखला शुरू कर दी है ।जोधपुर, अलवर, अजमेर, पाली, कोटा, बीकानेर, भरतपुर सहित कई जिले लॉक डाउन लगाए जाने की ज़रूरत महसूस कर रहे हैं मगर सरकार का स्वविवेक अभी पांच सितारा होटल में अंताक्षरी खेल रहा है।
अशोक गहलोत ने अपने स्वविवेक से कांग्रेसी विधायकों को पाँच सितारा बाड़े में बंद कर रखा है। उनके पूर्व मंत्री सचिन पायलट ने अपने स्वविवेक से फैसला लेते हुए अट्ठारह चिलगोज़ो को अलग होटल में कैद कर रखा है। गहलोत और सचिन पायलट के चिलगोजे अलग-अलग बाड़ों में रहकर स्वविवेक का इस्तेमाल कर रहे हैं।
स्वविवेक का इस्तेमाल करते हुए राज्यपाल कल्ला जी ने अलग हल्ला मचा रखा है। उनका बल्ला भाजपा के रंग में स्वविवेक का इस्तेमाल कर रहा है। वे अपने स्वविवेक से अलग अंदाज़ में सियासी गेम खेलने में लगे हुए हैं।
अशोक गहलोत ने स्वविवेक से प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। राष्ट्रपति को पत्र लिखा है। उनकी मांग है कि राज्यपाल को लोकतंत्र जिंदा रखने के लिए कहा जाए। स्वविवेक से उन्होंने प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को पत्र लिखा है मगर वे यह भूल गए हैं कि कल्ला जी का स्वविवेक एक रिमोट कंट्रोल से चल रहा है और वह रिमोट कंट्रोल भगवा रंग का है। उनके स्वविवेक पर दूसरा रंग चढ़ ही नहीं सकता।
सचिन पायलट का स्वविवेक मेरे ख्याल से सर्वश्रेष्ठ है। पार्टी ने उनकी घोड़ी बनाकर रख दी है मगर अभी भी वे अपने आप को कांग्रेसी मानकर चल रहे हैं। उनका साथ , हाथ पर बेवज़ह चिपका हुआ है। इतनी बेईज्जती होने पर भी वह भाजपा के साथ नहीं जा रहे। यह उनका स्वविवेक ही है।
शायद उनका स्वविवेक कह रहा है कि जो काम उन्हे करना चाहिए वह उनकी तरफ से भाजपा कर तो रही है। इसलिए वे स्वविवेक से खामोश बैठे हुए हैं।
दोस्तों राज्य में तीन विधायक ऐसे थे जिन्होंने निर्दलीय चुनाव जीते थे। उनमें से एक सुरेश टांक भी थे। हां हां, वही अपने किशनगढ़ वाले वे इन दिनों कहां है, किसी को नहीं मालूम उन पर मामले भी दर्ज हैं।कारवाही करने वाले स्वविवेक से शांत बैठे हैं। उनके स्वविवेक अलग किस्म के हैं। वे स्वयं को कांग्रेसी बताते रहे, मगर उन पर गहलोत जी को यकीन ही नहीं रहा। पंडित रघु शर्मा के स्वविवेक ने उन्हें पेंदे बैठा दिया। अब वे कांग्रेस की समर्थन सूची से बाहर हैं, कहां हैं, क्या कर रहे हैं, यह भी उनके स्वविवेक पर टिका हुआ है।
सचिन पायलट का स्वविवेक कह रहा है कि यदि अशोक गहलोत अपनी बाड़े बंदी अनलॉक कर दें और विधायकों को उनके स्वविवेक पर छोड़ दें तो दर्जन से ज्यादा विधायक सचिन पायलट के बाड़े में आ जाएंगे। यही बात सुरजेवाला कह रहे हैं। उनके स्वविवेक का साफ साफ कहना है कि दो-चार दिनों में सचिन के 2-3 चिलगोजे गहलोत के मवेशियों में शामिल हो जाएंगे।
सारा गेम स्वविवेक का है। राजस्थान स्वविवेक से चल रहा है। राज्य की जनता को देखिए।वह भी अपने स्वविवेक से ही चल रही है। लॉक डाउन का पालन पूरी तरह से स्वविवेक से ही हो रहा है।कोई पुलिस की ज़ोर ज़बरदस्ती नहीं। स्वविवेक जागता है तो मास्क लगा लिया जाता है। साबुन से हाथ धो लिए जाते हैं। डिस्टेंसिंग रख ली जाती है। स्वविवेक ना जागे तो कुछ नहीं किया जाता । मौज़ मस्ती करने का कोई मौका जनता नहीं छोड़ना चाहती। बारिश आने पर पिकनिक का मौका भी नहीं छोड़ती।दारू पार्टियां भी स्वविवेक पर आधारित हैं।
राजस्थान में स्वविवेक राज्य की स्थापना हो चुकी है। मैं अपने स्वविवेक से ब्लॉग लिख रहा हूँ।सबको खरी खोटी सुना रहा हूँ।अब आप जैसा चाहे करें।सोचें।आपका स्वविवेक है।
राम राम सा
#1377
© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved