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July 25, 2020
ससुराल से निकाली गई बहू अब नाते बैठेगी, लिव इन रिलेशन में रहेगी या बसाएगी ख़ुद का घर
नखरालो देवरयियो भाभी पर जादू करग्यो कपिल सिब्बल, निरुपम या सिंघवी का क्या रहेगा रुख़_
बहू आज करेगी फ़ैसला अपना और अपने टाबरों का_
सुरेन्द्र चतुर्वेदी
शिकार करने को आए शिकार हो के चले। सचिन पायलेट चाहे तो यह गाना अब अपने उन साथियों को सुना सकते हैं जो उनके साथ बाड़े में बंद हैं।
सचिन पायलट को बर्खास्त कर दिया गया है। अब वे न मुख्यमंत्री रहे हैं ना प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष। नखरे करने वाली बहू को ससुराल से कैसे निकाला जाता है यह कांग्रेस हाईकमान ने दिखा दिया है। अब बहू भी बिल्कुल फ्री है। वह चाहे तो नाते बैठ जाए, चाहे किसी के साथ लिव इन रिलेशन में रह ले। चाहे नया घर बना कर अपने साथ ले गए बाल बच्चों की आजाद परवरिश करे।
भाजपा ने पार्टी से बर्खास्त की गई बहु के लिए सारे दरवाज़े कब के खोल रखे हैं। वह चाहे तो आगे वाले दरवाजे से आ जाए चाहे पीछे वाले से ,चाहे तो छत से भी आ सकती है।
मज़ेदार बात यह है कि बहू ख़ुद तय नहीं कर पा रही कि वह क्या करे वह निर्णय इसलिए भी नहीं ले सकती कि उसके 18 शातिर बच्चे भी उसके साथ हैं जो उसके पुनर्विवाह के फैसले को मानने के लिए तैयार नहीं। नाते भी नहीं बैठने दे रहे। तरह-तरह के सवाल उठा रहे हैं।
भाजपा खूबसूरत बहू को देखकर जुबान पर शहद लगाए बैठी है। मध्यप्रदेश की एक खूबसूरत बहू पहले से उसके आंगन में कई बच्चों के साथ नाते बैठी हुई है। वह कितनी खुश है यह उसने राजस्थान की ससुराल से निकाली गई अपनी सहेली को बता ही दिया होगा।
इस पूरे प्रकरण में मजेदार बात यह है कि राजस्थानी बहू के नखरे अभी भी कम नहीं हुए हैं। नखरालो देवरियो भाभी पर जादू करग्यो । कपिल सिब्बल , अभिषेक मनु सिंघवी, संजय निरूपम ननद प्रिया दत्त सभी सचिन पायलट को बर्खास्त किए जाने से खुश नहीं हैं। तो क्या करेंगे वे
क्या निकाली गई बहू के साथ रिश्तेदारी निभाएंगे। नई पार्टी बना कर कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी करेंगे
दूसरा सवाल यह है कि निकाली गई बहू अब क्या करेगी जहाँ तक मैं समझ पा रहा हूँ बहू जब तक ससुराल में थी तब तक यह संभावनाएं थीं कि उसके 18 बच्चों के साथ कुछ और बच्चे आ कर मिल जाएंगे मगर अब तो यह संभावना लगभग खत्म सी हो गई है।
घर से निकाली गई बहु अब सामाजिक रुप से बेहतर छवि नहीं रखती और फिर उसके नाज़ नखरे भी उतने नहीं रहे। सचिन के पास अब उतने विकल्प नहीं बचे जितने तब थे जब ससुराल का हाईकमान उनको पुकार पुकार कर घर की इज्जत बनाए रखने की दुहाई दे रहा था।
सच कहूं तो इतने दिन घर से बाहर रहने वाली बहू को ससुरालिए ज्यादा भाव नहीं देते। तुरंत बाहर का रास्ता दिखा देते हैं। धन्य है कांग्रेस का हाईकमान जो यह मामूली फैसला इतने दिनों तक बेइज्जती सहन करने के बाद भी नहीं ले सका।
जो हुआ हो गया है। अशोक गहलोत ने नाटक का दूसरा भाग राजभवन में जा कर दिखा दिया है। उन्होंने महामहिम जी की अंतरात्मा को टटोल कर जो सार्वजनिक रूप से सिद्ध करना था कर दिया है।राजनीतिक पार्टियों के साथ मौज़ मस्ती करने वालों को बुढ़ापा काटने के लिए जो पद और बक्शीश दिए जाते हैं, उनका व्यवहार कैसा हो सकता है। सब जानते हैं। राज्यपाल जी ने शायद वही किया जो उन्हें करना था। इस विषय को मैं यहीं छोड़ देता हूँ बहुत नाजुक विषय है।
मत कहो आकाश में कोहरा घना है, ये किसी की व्यक्तिगत आलोचना है।
आइए अब हम बात करें निकाली गई बहु के वैवाहिक भविष्य की। वह अब क्या करेगी ये तो बहू जाने या उनके देवर , मगर मैं जो समझ पा रहा हूँ वह यह है कि भाजपा अब पूरी तरह उसे नाते बैठाने को तैयार है। बहू के पास भी दो ही विकल्प हैं , या तो वह भाजपा में शामिल होकर अपने कांग्रेसी अनुभवों को बर्बाद कर दे या फिर नई पार्टी बना ले
नई पार्टी बनाने में कपिल सिब्बल, संजय निरूपम, अभिषेक मनु सिंघवी जैसे शातिर उनका साथ कितनी दूरी तक निभा पायेंगे,यह बात अब देखनी होगी। अकेले सचिन पायलट नई पार्टी या प्रांतीय पार्टी तो कत्तई नहीं बनाएंगे । बनाएंगे तो भी सफल नहीं होंगे। राजस्थान में वैसे ही कई प्रांतीय पार्टियां मिट्टी पलीत करवा रही हैं। कपिल सिब्बल और संजय निरूपम इतने शातिर खिलाड़ी हैं कि वे वो खेल नहीं खेलेंगे (वह भी एक टुच्चे खिलाड़ी के लिए) जिससे जो थोड़ी-बहुत इज्जत कांग्रेस में है उसे भी दांव पर लगा दें।
ऐसे में सचिन पायलट भाजपा में नहीं जाएंगे तो क्या करेंगे ये सवाल भी साफ है और जवाब भी। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर जयपुर आ चुके हैं। वसुंधरा जी को बुला लिया गया है। सचिन को किस तरह कहां समायोजित किया जा सकता है ये बात सोची जा रही है। सचिन इस विकल्प के सारे पक्षों की जानकारी ले रहे हैं। वे आज शाम तक अपने पत्ते खोल देंगे। नया कोई विकल्प यदि सामने आता है तो वह निश्चित रूप से चौकाने वाला होगा।
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