For News (24x7) : 9829070307
RNI NO : RAJBIL/2013/50688
Visitors - 112951179
Horizon Hind facebook Horizon Hind Twitter Horizon Hind Youtube Horizon Hind Instagram Horizon Hind Linkedin
Breaking News
Ajmer Breaking News: टेलीविजन और बॉलीवुड एक्टर फैजल खान पहुंचे दरगाह, अकीदत की चादर और फूल पेश कर अमन चैन के साथ तरक्की की मांगी दुआ |  Ajmer Breaking News: अजमेर क्लॉक टॉवर थाना अंतर्गत नशे की तस्करी के नए तरीके का भंडाफोड़  |  Ajmer Breaking News: हरिभाऊ उपाध्याय नगर थाना अंतर्गत प्रॉपर्टी डीलर मनोज नानकानी पर जानलेवा हमला करने के आरोप में फरार चल रहे 2 आरोपी ओर गिरफ्तार, पूर्व में 12 आरोपी भेजे जा चुके हैं जेल |  Ajmer Breaking News: किशनगढ़ से आए कालबेलिया घुमंतू जाति के लोगों ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम सोपे ज्ञापन, |  Ajmer Breaking News: अजमेर के निजी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों ने अपने सहपाठी छात्र के साथ मारपीट ओर अश्लील हरकतें करने के साथ बनाया वीडियो |  Ajmer Breaking News: ग्राम खोडा-बुबानी में लगभग 250-300 बीघा में अवेध खनन को बन्द करवाने और भू-खनन माफियों पर उचित कार्यवाही करने की मांग अवेध तरीके से डम्पर चालको की दादागिरी से परेशान ग्रामीण में भारी आक्रोश  |  Ajmer Breaking News: सिंधी समाज चलाएगा मुहिंजो नालो कित्थे आहे के नाम से सिंधी वोटर जागृति अभियान 2025   सभी सिंधी भाइयों से इस अभियान में जुड़ने की अपील  |  Ajmer Breaking News: बिहार चुनाव के चौंकाने वाले नतीजे सवालों के घेरे में = राठौड़, केंद्र सरकार व चुनाव आयोग पर लगाए बड़े संगीन आरोप |  Ajmer Breaking News: रेलों के संरक्षित संचालन के लिए रनिंग कर्मचारियों में असंतोष उचित नहीं है |  Ajmer Breaking News: टाटा पावर अजमेर प्रबंधन की टीम विजय ने विदेशी धरती पर फहराया गोल्ड मेडल अवॉर्ड्स की जीत का तिरंगा, इंटरनेशनल कॉन्सेप्ट ऑफ क्वॉलिटी सर्किल ताईवान में जीता गोल्ड मेडल अवॉर्ड्स | 

अंदाजे बयां: अजमेर के बनियों का बही खाता बनाम ब्लॉग - सुरेन्द्र चतुर्वेदी

Post Views 11

August 9, 2019

*अजमेर के बनियों का बही खाता बनाम ब्लॉग*

                   *सुरेन्द्र चतुर्वेदी*


रिजु झुनझुनवाला। बनिया हैं। चुनाव लड़े ।हार गए ।इससे पहले डॉ श्रीगोपाल बाहेती।बनिया हैं। चुनाव लड़े।हार गए। और तो और अब की बार वार्ड 52 से संजय गर्ग । बनिया हैं।चुनाव लड़े।  हार गए । मानो बनिया होना इस शहर में  अभिशाप हो।मूछों पर ताव देने वाले उद्योगपति जिनका शहर में भारी वर्चस्व है  हर चुनाव से पहले टिकट मांगते हैं ,जीत का दावा भी करते हैं मगर टिकट मिलने पर उनकी गैस पास हो जाती है ।सवाल उठता है क्यों यदि इतिहास उठा कर देखा जाए तो अजमेर में आज़ादी के बाद से ही वणिक वर्ग का दबदबा रहा।  अजमेर में आज़ादी के बाद से ही वणिक वर्ग ने लोगों ने अपने कद्दावर राजनेता होने का परिचय दिया। एक समय तो यही वर्ग अजमेर में शहर का प्रतिनिधित्व और नेतृत्व करता था। इतिहास को पलटिये । देखिए  हेम चंद सोगानी,(1932 से 33) सेठ भाग चंद सोनी(1942से1947)फिर पुनः हेमचंद सोगानी (1947 से 1948) कृष्ण गोपाल गर्ग(1948 से1950) तक नगर परिषद के सभापति पद पर क़ाबिज़ रहे।बाद में भी कृष्ण गोपाल गर्ग, मानक चंद सोगानी नगर परिषद के सभापति रहे।इस दौरान वणिक वर्ग का संघठन देखने लायक था।सभी सामाजिक संगठन एक आवाज़ पर इकट्ठे हो जाते थे। 


   यदि वणिक वर्ग के पार्षदों की बात की जाए तो मानक चंद सोगानी,बाल कृष्ण गर्ग,राधे श्याम डानी, रामेश्वर लाल खेतावत, चिरंजीलाल गर्ग, रघुनंदन अग्रवाल,मदन गोपाल गुप्ता, रामजीलाल बंधु, विजय गोयल, शैलेंद्र अग्रवाल ,किशनलाल , सतीश बंसल सुमित्रा सिंगल, महेंद्र मित्तल,सुमित्रा मित्तल,ममता गोयल,शकुंतला मित्तल, विजय खंडेलवाल ,सुभाष खंडेलवाल जैसे लोग अजमेर के सीने पर जीत का झंडा गाड़ कर बनियों का नाम ऊंचा करते रहे ....फिर अचानक वक़्त ने पलटा खाया। अभिशप्त बादल छा गए ।जीतने वाली निर्णायक जात के बुरे दिन आ गए ।इतने बुरे दिन कि वर्ष  2010 में पार्षद के लिए चार लोगों को  टिकट मिला। राजेश गोयल ललित डीडवानिया,सुमित मित्तल(सभी कांग्रेस से ) साकेत बंसल(भाजपा) को टिकट दिए गए.।चारों ही  चारों खाने चित हो गए।इसके साथ ही  वणिक नेता विष्णु मोदी को( दूसरी बार )हार का सामना करना पड़ा ।ईमानदार और कर्मठ नेता चिरंजी लाल गर्ग चुनाव हार गए। एडवोकेट सत्यनारायण अग्रवाल ने निर्दलीय चुनाव लड़ा वे भी हार गए ।मानकचंद सोगानी ने भी अंत में चुनाव हार कर कमजोर होती बनिया जाति को सवाल के कटघरे में खड़ा कर दिया।

     पिछली बार जब डॉ श्रीगोपाल बाहेती अजमेर उत्तर से देवनानी के विरुद्ध खड़े हुए तो बाकायदा चुनाव वणिक वर्ग और सिंधी समाज  के बीच हुआ ।एलानिया चुनाव में वणिक वर्ग को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ कर चुनाव जीतना चाहिए  था मगर   डॉ  बाहेती चुनाव  हार गए ।सवाल उठता है कि लगातार  ऐसा क्यों हो रहा है मज़बूत और सशक्त वणिक वर्ग इतना निर्बल और निरीह क्यों होता जा रहा है क्या समाज कभी  इस बात पर चिंता व्यक्त करता है उनके साथ पहले कौनसे ऐसे कौनसे तत्व  थे जो आज नहीं हैं शायद नहीं।

    अब वक्त आ गया है गंभीरता से जब इस  समाज को सोचना होगा वरना इस समाज के नेताओं को कोई भी पार्टी टिकट देना पसंद नहीं करेगी। 

      यद्यपि मैं वणिक वर्ग का नहीं ।ना ही मैं उन पर कोई सीधी टिप्पणी करने का हक़ रखता हूँ  मगर दृष्टा की तरह से यदि मैं इस समाज को देखता हूँ तो कई सवाल मेरे ज़ेहन में आते हैं ।

      आज शहर में वणिक वर्ग के सात धड़े हैं। मारवाड़ी धड़ा ,निसबरियान धड़ा,  फतेहपुरीया धड़ा ,सोलहथम्बा धड़ा,घसीटी धड़ा,गंज धड़ा,और नसीराबाद धड़ा। इन सभी धड़ों में  ताक़तवर और प्रभावशाली लोग जुड़े हैं । घडे मे जमे लोग ना तो नये सदस्य बना रहे है और ना ही दिवंगत सदस्यो के पिढीयो के सदस्यो को जोड रहे है| अग्रवाल समाज की कई संस्थाएं हैं जिनके खातों  में करोड़ों की आय व्यय के लेखे-जोखे  हैं। अरबों की संपत्ति है। अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन ,अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन, अग्रवाल संस्थान, अग्रवाल बंधु पश्चिम क्षेत्र ,अग्रसेन युवा समिति, रघुवंश सेवा समिति जैसी दर्जनों संस्थाएं हैं इस अजमेर में फैली हुई हैं। फिर भी वणिक वर्ग का कोई दबदाबा नज़र नहीं आता। आप लोगों के होते हुए समाज में क्यों  उठ नहीं पा  रहा  आपके पास पैसों की कोई कमी नहीं ।लगभग 25 से 30000 मतदाता अकेले अजमेर में आपके साथ हैं फिर क्यों  आपका एक भी प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत पाता पार्षद चुनाव में आप की जात का प्रत्याशी हार जाता है ।

    ज़रा बताएं आदरणीय  दीनबंधु चौधरी जी,विष्णु चौधरी जी, गिरधारी लाल मंगल जी, शंकर लाल बंसल जी, सतीश बंसल  और राजेंद्र मित्तल ,जी चांद किरण अग्रवाल और  सुरेश गर्ग जी, अशोक पंसारीजी  सीताराम गोयलजी ,दिनेश गोयल और  सुधीर गोयल जी, मुकेश गोयल जी, मनोज मित्तल जी, दिलीप मित्तल जी, उमेश गर्ग ,अशोक बिंदल ,विष्णु गर्ग ,  दिनेश गुप्ता ,विमल गर्ग ,डॉक्टर सुरेश अग्रवाल ,डॉ रमेश अग्रवाल भास्कर वाले  जी आप सब अगर इतने ही प्रभावशाली हैं तो एक जगह बैठकर इस बात पर विचार क्यों नहीं करते कि आप की जाति का पुनरुत्थान किस तरह किया जाए भला मेरी कमीज़ उसकी कमीज़  जितनी सफ़ेद क्यों नहीं यह मनोदशा कब तक बनी रहेगी जब तक एक दूसरे की टांग खिंचाई का खेल  आपके बीच चलता रहेगा तब तक आप लोग अपनी ताक़त का अनुमान नहीं लगा पाएंगे। कब तक हर छोटे-बड़े चुनाव में आप हारते रहेंगे सच तो यह है कि आप शहर की प्राणवायु हैं ।आप शहर की मेरुदंड हैं।आप चाहे जो कुछ कर सकते हैं ।आपके पास संसाधनों की कोई कमी नहीं है। बस ! आपकी इच्छा शक्ति मर चुकी है .एक बार वह  जिंदा हो जाए तो क्या विधायक ,क्या सांसद, क्या पार्षद सब आप लोगों की मर्जी से ही बनाए जाएं ।मेरा काम तो सवालों को सुलगाना  था सो मैंने सुलगा दिए।  अब आप जाने आपका काम ।धड़े बाज़ी में आप पहले ही बहुत बर्बाद हो चुके हैं ।आगे ना हैं इसके लिए कोई  इसकी जुगाड़ सोचो।करो। वरना एक  दिन ऐसा आएगा जब आप शहर में टके के भाव में नहीं पूछे जाओगे।इति श्री ब्लॉग्स प्रथम अध्याय समापतः।बोलो अग्रसेन महाराज की जय।


© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved