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October 13, 2018
अत्यावश्यक चुनाव सुधार पर बोलते हुए प्रोफेसर जगदीप छोकर ने एक बात बड़े पते की कि हम सरकार नहीं चुनते क्योंकि राजनीतिक दल हमें अपनी पसन्द का उम्मीदवार चुनने का विकल्प नहीं देते। राजनीतिक दल अपनी पसन्द के उम्मीदवार घोषित करते हैं और हमें उनमें से ही किसी को वोट देकर जिताना होता है।
जीतने के बाद वह विधायक या सांसद अपनी मर्जी से या जनता की मर्जी से बिल को पास नहीं करता। वह वही करता है जो उसे उसका राजनीतिक दल कहता है यही सबसे बड़ी दिक्कत है कि जनता के चुनने के बावजूद सरकार जनता की नहीं होती।
जिस दिन ऐसा हो जाएगा कि राजनीतिक पार्टियां जनता की पसन्द का उम्मीदवार चुनेंगी और उसे यह अधिकार दिया जाएगा कि वह जनता की मर्जी को शिरोधार्य करे , देश की राजनीति का कायाकल्प हो जाएगा।
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