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July 11, 2018
अजमेर से राजस्थान सरकार में शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी आज दाता नगर स्थित एक सरकारी स्कूल में पहुंचे । जहां समारोह पूर्वक उन्होंने आज वहां के बच्चों को दूध पिलाया। गौरतलब बात यह है कि गत 2 जुलाई से राजस्थान सरकार ने सभी सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के लिए एक गिलास दूध की व्यवस्था सरकार की तरफ से कर दी है। जिसके तहत प्रार्थना सभा के बाद और क्लास में जाने से पहले हर बच्चे को उसकी उम्र अनुसार उचित मात्रा में दूध पिलाया जाएगा । जिसमें सरकार की मंशा यह है कि बच्चों के बौद्धिक विकास के साथ साथ शारीरिक विकास का भी ख्याल रखा जायें।संवाददाताओं से बात करते वक्त देवनानी से जब यह पूछा गया कि *क्या दूध में चीनी मिलाई जाएगी ? क्या उस चीनी की व्यवस्था भी सरकार ने की है ?* जिस पर मंत्री जी बोले नहीं चीनी की व्यवस्था उन स्कूलों को खुद करनी होगी।
अब बताओ यह भी कोई बात हुई भला !!! *सरकार दूध पिला रही है तो वह भी फीका .... मगर* *देवनानी जी साथ साथ यह भी कह गए कि गरम दूध मीठा होता है और बच्चे अक्सर फीका दूध पीना पसंद करते हैं* । सुन कर सोचने पर मजबूर होना पड़ रहा है की - *भैया !!! यहां बात इंसान के बच्चों की हो रही है बिल्ली के बच्चों की नहीं जिनको जहॉ दूध मिले जैसा मिले बस झट से पी ले । अरे भाई !!! बच्चे हैं मीठा दूध ही पसंद करते होंगे । उन्हें मीठा दूध पिलाने में ऐसी कौनसी हर्ज है ? बच्चे हैं बेचारे डायबिटीज के मरीज थोड़ी न है।*
वैसे राज्य सरकार का यह फैसला है बहुत ही सराहनीय । *मगर भगवान का लाख शुक्र है कि इसमें किसी तरह का आरक्षण लागू नहीं किया गया है । नहीं तो किसी को एक चम्मच दूध तो किसी को एक कटोरी दूध , किसी को एक जग दूध या फिर किसी को सिर्फ दूध की फोटो खींचकर हाथ में देनी पड़ती।* बहरहाल !!! अब सोचने वाली बात यह है कि दूध सप्लाई के ठेके तो अब तक ठेकेदारों को दे दिए गए होंगे मगर आखिर चीनी का क्या होगा ? शायद *सरकार को इस बात का भय है कि कहीं गाहे-बगाहे सर मुंडाते ही ओले ना पड़ जाए और यदि सरकार दूध में चीनी मिलाने के चक्कर में रही तो कहीं न कहीं किसी न किसी कोने से चीनी घोटाला इस चुनावी साल में खुलकर सामने न आ जाए।* लेकिन एक बात तय है यदि वक्त पर दूध में चीनी की व्यवस्था स्कूल से जुड़ी समितियां अथवा स्कूल प्रशासन नहीं कर पाया तो सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना अपने आप में सरकार के लिए कहीं चीनी कम न साबित हो जाये।
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