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March 27, 2018
परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) में शामिल होने का ख्वाब देख रहे आतंकवाद के पनाहगाह पाकिस्तान को अमेरिका ने तगड़ा झटका दिया है. डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने न्यूक्लियर ट्रेड से जुड़ी सात पाकिस्तानी कंपनियों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे वाली सूची में डाल दिया है. इससे पाकिस्तान के परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) में शामिल का दावा कमजोर हो गया है.
अमेरिका के इस कदम से पाकिस्तान के दोस्त चीन की उस कोशिश को भी झटका लगा है, जिसके तहत वह पाकिस्तान को NSG का सदस्य बनाए जाने की पैरवी और भारत की सदस्यता का विरोध करता आ रहा है. अब उम्मीद यह भी की जा रही है कि NSG में भारत की सदस्यता के दावे को लेकर चीन के रुख में बदलाव आएगा. इससे NSG में भारत के शामिल होने की राह आसान होगी.
इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति रहे बराक ओबामा ने अपने शासनकाल में NSG की सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी का समर्थन किया था, जबकि चीन ने भारत का विरोध किया था और पाकिस्तान को भी इसके लिए दावेदार बताया था.
विशेषज्ञों की माने तो अमेरिका के इस प्रतिबंध के बाद से पाकिस्तान NSG में शामिल होने की रेस से बाहर हो गया है. हालांकि पाकिस्तान के विदेश विभाग का कहना है कि अमेरिका की इस प्रतिबंध सूची में NSG के सदस्य देशों की कंपनियां भी शामिल हैं. मालूम हो कि NSG विशिष्ट देशों का एक समूह है, जिसके सदस्य परमाणु सामग्री और टेक्नोलॉजी का व्यापार कर सकते हैं.
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