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March 17, 2018
राष्ट्रगान से सिन्ध नहीं हटेगा हाँ चाहें तो सर्वमान्य नया राष्ट्रगान बना लें।
कल यानि कि 16 मार्च 2018 को कांग्रेस के सांसद रिपुन बोरा ने राज्यसभा में राष्ट्रगान से सम्बंधित एक निजी प्रस्ताव दिया है। प्रस्ताव में राष्ट्रगान से यह कहते हुए "सिन्ध" शब्द को हटाने की मांग की गई है कि सिन्ध अब भारत का हिस्सा नहीं है।
इतना ही नहीं रिपुन बोरा ने "सिन्ध" शब्द को हटाकर "पूर्वोत्तर" को जोड़ने की मांग की है। हालांकि यह सम्भव नहीं है कि एक सांसद की निजी राय को मान लिया जाय।
सदन में इसपर बहस की सम्भावना है।
रिपुन बोरा ने यह निजी प्रस्ताव रखने की इसलिये मांग की है क्योंकि संविधान में राष्ट्रगान में संशोधन करने की इज़ाज़त दी गई है।
इसी संशोधन का ज़िक्र तत्कालीन राष्ट्रपति डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद जी ने 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा में किया था।
रिपुन बोरा का कहना है कि रवीन्द्र नाथ टैगोर ने जब राष्ट्रगान की रचना की थी तब देश की भौगोलिक स्थिति आज से भिन्न थी। बोरा का कहना है कि पूर्वोत्तर भारत का अभिन्न अंग हैं इसलिये इनका समावेश राष्ट्रगान में होना चाहिये।
सवाल अब यह उठता है कि राष्ट्रगान से अगर सिन्ध हटाकर उसमें पूर्वोत्तर जोड़ा जाता है तो जम्मू-कश्मीर का एतराज आएगा कि उनका नाम क्यों नहीं है और जम्मू-कश्मीर का नाम पंजाब से पहले आना चाहिये ?
द्राविड़ शब्द दक्षिण भारत को दर्शाता है तो उसपर भी विवाद की सम्भावना रहेगी।
राष्ट्रगान में वर्णित "भारत भाग्य विधाता" और "अधिनायक" पर भी विवाद हो चुके हैं।
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