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November 14, 2017
राजस्थान सरकार द्वारा पूर्व मुख्य मंत्रियों को आजीवन सरकारी सुविधाओं का लाभ देन के लिए लाए गए संशोधित विधेयक को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है. वरिष्ठ पत्रकार मिलापचंद डांडिया ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करके इसे चुनौती दी है. इस पर सुनवाई करते हुए सोमवार को जस्टिस केएस झवेरी की खण्डपीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है.
याचिकाकर्ता की तरफ से पैरवी करने वाले अधिवक्ता विमल चौधरी ने बताया कि राज्य सरकार ने राजस्थान मंत्री वेतन अधिनियम 1956 में संशोधन करके पूर्व मुख्य मंत्रियों को आजीवन सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाने का हकदारी बताया है. जो कि संविधान के आर्टिकल 164(5) का उल्लंखन है. इसे हमने हाईकोर्ट में चुनौती दी है.
वहीं पूरे मामले में गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया का कहना है कि कोई भी व्यक्ति अपनी बात को लेकर अदालत जा सकता है. मामले में अभी याचिका स्वीकार हुई है. इस पर किसी तरह का निर्णय आने पर देखेंगे. बता दें कि राजस्थान मंत्री वेतन अधिनियम 1956 में संशोधन हो चुका है. इसके अनुसार अब केवल वर्तमान मंत्रियों को ही सुविधाएं दी जा सकती हैं.
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