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November 13, 2017
प्रदेश के मरीजों के लिए राहत की खबर है। प्रदेश में 33 मांगों को लेकर सात दिन से चल रही डॉक्टरों की हड़ताल रविवार देर रात सवा ग्यारह बजे खत्म करने का ऐलान किया गया। इस संबंध में सचिवालय में रविवार को देर रात सवा ग्यारह बजे वार्ता सफल रही। चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ के साथ वार्ता के बाद अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सा संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय चौधरी और उनके प्रतिनिधिमंडल ने हड़ताल खत्म कराने का ऐलान कर दिया है। सोमवार से डॉक्टर काम पर लौट आए हैं।
अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सा संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय चौधरी ने कहा कि उनकी मांगें सरकार ने मांग ली हैं। इनमें ग्रेड पे 10 हजार रुपए करने और डेट ऑफ इजिबिलीटी से एरियर का लाभ मिलने सहित अन्य मांगों पर सहमति बन गई है। सरकार ने रेजिडेंट्स की मांगों पर भी सकारात्मक रुख दिखाया है।
इन मांगों पर बनी सहमति
अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सा संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय चौधरी ने बताया कि 10 हजार ग्रेड पे करने, वेतन विसंगतियां दूर करने, अतिरिक्त निदेशक पद पर तैनात गजेटेज अधिकारी को हटाने, विधि सहायकों की नियुक्ति करने, चिकित्सा भत्तों का भुगतान होने, विदेश यात्रा के नियमों का सरलीकरण होने, एरियर की वसूली नहीं करने, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को नए वाहन उपलब्ध कराने, नीम-हकीमों पर कार्रवाई के लिए सेल गठित करने, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में आवश्यकतानुसार लिपिक नियुक्त करने, ग्रमीण चिकित्सा भत्ता को 500 से बढ़ाकर 1000 रुपए करने सहित अन्य मांगों पर सहमति बनी है। अस्पतालों का संचालन एकल पारी में करने की मांग मुख्यमंत्री पर छोड़ी गई है।
चार मांगों पर कमेटी बनेगी
अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सा संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय चौधरी ने बताया कि सभी मांगों में से चार मांगों के संबंध में सरकार ने कमेटी बनाकर निर्णय करने की बात कही है। उन्होंने बताया कि कमेटी में सेवारत चिकित्सा संघ के दो पदाधिकारी भी शामिल रहेंगे। कमेटी इस संबंध में निर्णय करेगी।
इस दौरान चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने कहा कि वार्ता सकारात्मक माहौल में हुई। अब कहीं गतिरोध नहीं रहा है। सभी बातें साफ हो गई हैं। प्रदेश भर में सोमवार से डॉक्टर अस्पतालों में अपना कार्य संभाल लेंगे।
मुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री का जताया आभार
प्रदेशाध्यक्ष अजय चौधरी और प्रदेश महासचिव डॉ. दुर्गा शंकर सैनी ने प्रदेश के लोगों से हड़ताल के दौरान उन्हें हुई असुविधा के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी। साथ ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ सहित चिकित्सा विभाग के अधिकारियों का आभार जताया।
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