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November 11, 2017
रेस्मा के तहत अब डॉक्टरों को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया गया है। जिसके तहत 5 डॉक्टरों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। बता दें कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने हड़ताली डॉक्टरों को अंतिम अल्टीमेटम दिया था। उन्होंने कहा था कि शाम 7:00 बजे तक सभी डॉक्टर्स काम पर लौट आएं नहीं तो रेस्मा में गिरफ्तारियां होंगी और विभागीय कार्रवाई होगी। सरकार ने आदेश दिया है कि जो डॉक्टर काम पर नहीं लौट रहे हैं और भड़काने का काम कर रहे हैं उन्हें तत्काल प्रभाव से गिरफ्तार कर लिया जाए। उधर, सरकार ने इस सख्ती के साथ डॉक्टरों से बातचीत के दरवाजे भी खुले रखे हैं। मुख्य सचिव अशोक जैन की अध्यक्षता में शुक्रवार को यहां सचिवालय में हुई बैठक के बाद यह आदेश जारी किए गए। वहीं टोंक, गंगानगर सहित कुछ जिलों में पुलिस ने हड़ताल पर गए डाक्टरों को पकड़ा है। जानिए और इस बारे में ...
- जानकारी अनुसार झालावाड़ से 2 भरतपुर से 2 और टोंक से 1 डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया है।
खाली लिफाफे दिखाए
- चिकित्सा मंत्री ने सेवारत चिकित्सक संघ द्वारा सामूहिक इस्तीफे के नाम पर भेजे गए लिफाफे दिखाए। उन्होंने लिफाफे खोलकर बताया कि इस्तीफे के नाम पर खाली पन्ने थे। इनमें एक भी डॉक्टर का इस्तीफा नहीं था। इसको गंभीरता से लेते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने चिकित्सकों के साथ आमजन और विभाग के साथ धोखा बताया और कार्रवाई की चेतावनी दी।
- चिकित्सा मंत्री ने कहा है कि चाहे कोई भी हड़ताल पर चले जाए सरकार के पास वैकल्पिक व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम हैं और आगे भी जारी रहेंगे। उन्होंने यह भी दावा किया कि 60 सेवारत शिक्षक कार्य पर लौट आए हैं। चिकित्सा मंत्री ने बताया कि डॉ अजय चौधरी एक ही पदाधिकारी हैं जो बार-बार वार्ता विफल कर रहे हैं।
नई मांगों पर लगाया अड़ंगा
- सराफ ने कहा कि गुरुवार मध्य रात्रि को सभी मांगों पर सहमति बनने के बावजूद वार्ता के बीच से उठकर किसी से फोन पर बात करने के बाद रेजिडेंट्स की नई मांगों का अड़ंगा लगाया और अभद्र व्यवहार की बात कह डाक्टर वार्ता छोड़ चले गए। उन्होंने यह भी कहा कि वार्ता में आए डॉक्टर को भी हम गिरफ्तार कर सकते थे, लेकिन गिरफ्तार नहीं किया। यह विश्वासघात और समय नहीं है। सराफ ने कहा कि शाम 7:00 बजे का अल्टीमेटम टाइम खत्म होने के बाद बड़ी संख्या में कार्रवाई संभव है।
सीएस ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कलक्टर्स से बात की
- इस बैठक में गृह विभाग के प्रमुख सचिव दीपक उप्रेती, डीजीपी अजीत सिंह शेखावत व चिकित्सा विभाग की प्रमुख वीनू गुप्ता भी मौजूद रहे। मुख्य सचिव ने सभी जिला कलेक्टरों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की तथा सभी व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए।
- जैन ने भास्कर को बताया कि सभी जिलों में कलेक्टर्स ने अच्छी व्यवस्था है कर रखी है। सरकार ने हड़ताली डॉक्टरों से बार-बार बातचीत की है। तीनों बार ही डॉक्टरों की मांग लगातार बढ़ती गई। फिर भी सरकार ने जो मांगे माननी योग्य थीं उनको माना भी गया। गुरुवार रात 12:00 बजे तक सरकार ने उनसे बातचीत की फिर भी वह नई मांग को लेकर अड़ गए। यह मांग उनकी नहीं थी बल्कि रेजिडेंट डॉक्टरों से जुड़ी थी। अब सरकार ने तय किया है कि बातचीत करना चाहेंगे तो सरकार बातचीत करेगी, दूसरी तरफ शक्ति से भी निपटा जाएगा इसके पालना में सरकार ने कार्रवाई भी शुरू कर दी है।
श्रीगंगानगर में सेना के डाक्टरों ने संभाला मोर्चा
- श्रीगंगानगर में डाक्टरों की हड़ताल के कारण सेना के डाक्टरों ने मोर्चा संभाला।
- वहीं बाड़मेर में मरीजों का अस्पताल के बाहर इलाज किया गया।
- छोटे-छोटे बच्चों को सड़क पर इलाज किया गया।
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