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November 11, 2017
हाईकोर्ट ने डॉक्टर्स की हड़ताल के मामले में राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह डॉक्टर्स को तुरंत काम पर लौटने के संबंध मेंं उन्हें व्यक्तिगत नोटिस जारी करे और उन्हें काम पर लौटाए। साथ ही मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगते हुए आगामी सुनवाई 15 नवंबर को हड़ताली डाक्टर्स की सूची व उन्हें मिलने वाले वेतन-भत्तोंं और अन्य सुविधाओं का ब्यौरा देने के लिए कहा है। जानिए और इस बारे में ...
- जस्टिस केएस झवेरी व वीके व्यास की खंडपीठ ने यह अंतरिम निर्देश शुक्रवार को महेश शर्मा डॉ. अभिनव शर्मा की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया।
- अदालत ने राज्य सरकार को कहा है कि वह डॉक्टर्स की जो मांगें मानने योग्य हैं उन्हें तुरंत माने। अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि एसएमएस अस्पताल में डॉक्टर्स को 800 मरीज देखने होते हैं और उन पर कार्य का भार है, ऐसे में डाक्टर्स क्या करें।
- इसके जवाब में प्रार्थी अभिनव शर्मा ने कहा कि वर्कलोड तो राज्य की पुलिस और सेना पर भी है और उन्हें भी कम वेतन भत्ते मिलते हैं तो क्या उन्हें भी हड़ताल पर चले जाना चाहिए। प्रार्थी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट डाक्टर्स की हड़ताल काे संवैधानिक करार दे चुका है और हाईकोर्ट ने भी 2011 में डॉक्टर्स को हड़ताल नहीं करने का निर्देश दिया था। डॉक्टर्स की हड़ताल के कारण मरीज परेशान हो रहे हैं और अव्यवस्था हो रही है। इसलिए अदालती आदेश के पालन में डॉक्टर्स को तुरंत काम पर लौटने का निर्देश दिया जाए।
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