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November 9, 2017
राजस्थान में सरकारी डॉक्टरों की हड़ताल गुरुवार को चौथे दिन भी जारी है.
प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा-स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई हुई हैं और मरीज बेहाल हैं. सरकार के साथ डॉक्टरों की वार्ता विफल हो चुकी है और डॉक्टर अब भी अपनी मांगों पर अड़े हैं. वहीं, गुरुवार दोपहर बाद रेजीडेंट भी डॉक्टरों के समर्थन में कार्य बहिष्कार करने का ऐलान कर चुके हैं. ऐसे में प्रदेश में चिकित्सा सेवाएं भगवान भरोस हैं.
33 मांगों पर अड़े डॉक्टर, सरकार के साथ दूसरी वार्ता गुरुवार को
राजास्थान में अपनी 33 मांगों को लेकर सोमवार से सामूहिक अवकाश पर चल रहे सरकारी डॉक्टरों की सरकार के साथ दूसरे दिन मंगलवार को वार्ता विफल रही. दूसरे दिन वार्ता निस्तारण और क्रियान्वयन पर आकर अटक गई और निर्णय नहीं हो पाया. अब सरकार ने गुरुवार सुबह डॉक्टरों को वार्ता के लिए फिर आमंत्रित किया है. शाम को होने वाली इस वार्ता में सुलह के आसार बताए जा रहे हैं.
लिखित में बताए सरकार मुद्दों का निस्तारण कब तक
डॉक्टरों की मांग पर सरकार का कहना है कि वह वित्तीय मुद्दों का निस्तारण 31 दिसम्बर तक कर देगी. लेकिन चिकित्सक चाहते हैं कि वित्तीय मुद्दों का क्रियान्वयन 31 दिसम्बर तक कर दिया जाएगा, यह समझौता पत्र में लिखा जाए.
10 हाजर डॉक्टर इस्तीफे देकर बैठे हैं हड़ताल पर
प्रदेश के करीब दस हजार सेवारत चिकित्सकों ने अपने इस्तीफे सरकार को सौंप कर हड़ताल कर रखी है. मुख्य सचिव अशोक जैन के हस्तक्षेप के बाद ही चिकित्सकों से वार्ता के लिए सेवारत चिकित्सकों को वार्ता का बुलावा भेजा गया था. सेवारत चिकित्सक स्वास्थ्य भवन में मंगलवार को अपनी 33 मांगों में से प्रमुख 18 मांगों को पूरा करने का प्रस्ताव बनाकर सरकार से वार्ता के लिए आए थे.
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